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Thursday 28 April 2016 05:05:25 AM
नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास प्रतिरोपण’ पर एक कार्यशाला का उद्घाटन किया। नितिन गडकरी ने कहा कि सड़कों को हरित राजमार्ग के अवसरों के रूप में देखा जाना चाहिए, पर्यावरण एवं सौंदर्य पहलुओं के अलावा इनमें रोज़गार सृजन की भी व्यापक संभावना है, अत: इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा, यहां तक कि इसे नरेगा योजना से भी जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम चयनित एजेंसी को तकनीकी एवं वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराएंगे, प्रोत्साहन के रूप में हर साल प्रत्येक राज्य के तीन विजेताओं को उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कृत भी किया जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्गों पर उपग्रह संबंधी प्रौद्योगिकी के जरिये परियोजनाओं पर नज़र रखी जाएगी और परियोजनाओं के सफल होने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। उन्होंने अनुसंधान संगठनों जैसे कि टेरी से पौधरोपण तकनीकों पर अपनी जानकारियों को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने यह सुझाव दिया कि एनएचएआई राजमार्गों के आसपास स्थित क्षेत्रों में खुदाई करके विभिन्न सामग्री जैसे रेत एवं मिट्टी का इस्तेमाल कर सकती है और इससे गांव भी लाभांवित होंगे, क्योंकि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत आवश्यक तालाबों एवं झीलों का सृजन होगा।
राजमार्गों के आसपास हरियाली को बढ़ावा देने से होने वाले पर्यावरण संबंधी फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने परियोजना में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों में जैव ईंधनों और प्रतिरोपण किये जाने वाले पौधों में जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। एनएचएआर्इ के चेयरमैन राघव चंद्र ने कहा कि हमने अपनी परियोजना लागत की एक प्रतिशत राशि को प्रतिरोपण, वृक्षारोपण, सौंदर्यीकरण और रख-रखाव कार्यों के लिए अलग रखा है, हमारे पास पर्याप्त धन है और हम एसओपी की स्थापना, क्षमता निर्माण और सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं को आत्मसात करने के लिए इसका इस्तेमाल करने का इरादा रखते हैं।