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Monday 2 May 2016 07:07:03 AM
नई दिल्ली। देश की राजधानी में देश के विख्यात शिक्षण संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय का आज 49वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों, प्रबंधन, शिक्षाविदों और वहां के कार्मिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि डीयू 1922 में स्थापना वर्ष में तीन कालेजों के 750 छात्रों के साथ शुरू हुआ था और आज यह विश्वविद्यालय भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक बन गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को बनाए रखा है यह देश के दूसरे विश्वविद्यालयों के लिए एक रोल मॉडल है।
उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक विशिष्टता ने सबसे प्रख्यात विद्वानों और सबसे प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित किया है। मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय को प्रतिभाओं के तटस्थ संयोजनकर्ता की अपनी भूमिका निभानी होगी, यह एक बेजोड़ विचार कारखाना है, जहां जुनून, रचनात्मकता और युवा मन के आदर्शवाद को हमारे समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने में प्रयोग किया जा सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। देश के उपराष्ट्रपति दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। विश्व के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के अनुसार यह भारत का शीर्ष गैर-आईआईटी विश्वविद्यालय है। दिल्ली विश्वविद्यालय अपने उच्चस्तरीय शिक्षण और शोध के लिए देश-विदेश के छात्रों को आकृष्ट करता है। यह छात्रों के नामांकन की दृष्टि से दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं, जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं। इन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का उत्तरी परिसर दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के साथ सुनियोजित ढंग से जुड़ा हुआ है और मेट्रो स्टेशन का नाम भी 'विश्वविद्यालय' है। उत्तरी परिसर दिल्ली विधानसभा से 2.5 किलोमीटर और अंतरराज्यीय बस अड्डे से 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना सन् 1922 में एक एकात्मक, शिक्षण आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में केंद्रीय विधायिका द्वारा हुई थी। तब इस विश्वविद्यालय में सिर्फ तीन कॉलेज, महाविद्यालय-सेंट स्टीफेंस कॉलेज, हिंदू कॉलेज और रामजस कॉलेज हुआ करते थे। हरि सिंह गौड़ इस विश्वविद्यालय के पहले उपकुलपति हुए। शुरुआती दौर में ही चोटी के विद्वान डॉ डीएस कोठारी, टीआर शेषाद्री, पी महेश्वरी, और एमएल भाटिया इस विश्वविद्यालय से जुड़े, जिन्होंने इस विश्वविद्यालय को गुणवत्ता के उच्च मुकाम तक पहुंचाया। आज 79 कालेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, जिनमें दाखिला हांसिल करने के लिए बड़ी मारामारी रहती है।