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Wednesday 11 May 2016 04:30:19 AM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अखिल भारतीय रेलकर्मी संघ कार्यालय परिसर 4 स्टेट एंट्री रोड नई दिल्ली में कामरेड उमरावमल पुरोहित स्मारक अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। एआईआरएफ ने इस केंद्र की स्थापना के लिए पहल की थी, जो श्रम आंदोलन के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि भारत के साथ-साथ विदेशों में भी ट्रेड यूनियन आंदोलन से संबंधित सभी प्रकार के अनुसंधान कार्य यहां किए जाएंगे। यह केंद्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय दोनों श्रोतों के डिजिटल डेटाबेस का रखरखाव करेगा, जिनमें श्रम से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ रेलवे सुरक्षा और रेलवे बुनियादी ढांचा से संबंधित मुद्दों का भी रखरखाव किया जाएगा। अनुसंधान केंद्र सभी रेल कर्मियों और अन्य इच्छुक व्यक्तियों के लिए खुला रहेगा।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे की एक यूनियन ने श्रम मुद्दों और सुरक्षा जैसे रेलवे परिचालनों से संबंधित मुद्दों पर एक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की एक अलग किस्म की पहल की है, यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रयास के लिए एआईआरएफ को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि एआईआरएफ ने श्रम आंदोलन में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सफल रेलवे परिचालन के लिए आवश्यक दो रेल पटरियों के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे प्रबंधन एक रेल पटरी है, जबकि रेलवेकर्मी दूसरी रेल पटरी हैं और दोनों को मिलकर ही भारतीय रेलवे की प्रगति और सफलता के लिए काम करना है। अमेरिका की एमट्रैक रेलवे प्रणाली का उल्लेख करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि अध्ययनों ने यह दर्शाया है कि यह रेलवे नेटवर्क इसलिए पटरी से उतर गया, क्योंकि उन्होंने स्थिर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली में समय रहते पर्याप्त निवेश नहीं किया, अब निवेश की गति लगातार चल रही है और आने वाले वर्षों में रेलवे में अधिक से अधिक धन का निवेश जारी रहेगा।
सुरेश प्रभु ने कहा कि हम पूरी तरह सुरक्षित रेलवे परिचालन सुनिश्चित करने के लिए श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी लाने पर विचार कर रहे हैं, हम अनुसंधान विकास में अधिक से अधिक निवेश पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी दिशाओं में और रेलवे परिचालन के बारे में समानांतर कदम उठाने हैं, ताकि एकीकृत उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। रेलवे प्रबंधन और रेलवे कर्मियों के मध्य अच्छे औद्योगिक संबंधों का उल्लेख करते हुए सुरेश प्रभु ने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि प्रबंधन और कर्मी दोनों ही भारतीय रेलवे को स्वस्थ और विकासजन्य बनाने के साझा लक्ष्य की दिशा में प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर रेलबोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल, रेलवे बोर्ड उत्तरी रेलवे और दिल्ली डिविजन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। एआईआरएफ के अध्यक्ष राखलदास गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया, जबकि एआईआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने अनुसंधान केंद्र के महत्व पर प्रकाश डाला। एआईआरएफ के कोषाध्यक्ष जेआर भोंसले ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।