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Friday 13 May 2016 07:23:05 AM
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कान्स फिल्म समारोह में भारत के मंडप का उद्घाटन करते हुए कहा है कि सरकार के फिल्म सुविधा केंद्र कार्यालय फिल्म निर्माताओं को एकल खिड़की मंजूरी देने, भारत को एक फिल्म बनाने के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और देश में फिल्म पर्यटन के लिए मंच उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल ने फिल्म बनाने के लिए भारत के मंच को उपयोग करने के इच्छुक संभावित फिल्म निर्माताओं की जरूरतों को भी पूरा किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म सुविधा केंद्र कार्यालय फिल्म निर्माताओं के लिए अपेक्षित अनुमति प्राप्त करने, भारत में शूटिंग स्थलों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ, फिल्म निर्माण और निर्माण के बाद की जरूरतों के लिए भारतीय फिल्म उद्योग में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी देने के लिए एक सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कान्स फिल्म समारोह में भारत के मंडप का उद्घाटन करने के दौरान कहा कि फिल्म सुविधा केंद्र कार्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना था, जिससे फिल्म निर्माता प्रोत्साहित हों और भारतीय फिल्म उद्योग में उपलब्ध व्यापक प्रतिभाओं का अधिक से अधिक उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि एफएफओ केंद्र और राज्य स्तरों पर ऐसे नीति परिवर्तनों की पहचान और सिफारिश करेगा जो भारत को और अधिक फिल्म अनुकूल गंतव्य बना देंगे। उन्होंने राज्यों में अनुमति की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए मंत्रालय के कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे अपने राज्य में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने और उसमें मदद करने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें। उन्होंने बताया कि एफएफओ इन नोडल अधिकारियों से नियमित रूप से सम्पर्क रखेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को दूर किया जा सके तथा अनुमति की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ विदेशी फिल्म निर्माताओं के लिए परिचय भ्रमण आयोजित किये जा सकें, जिससे राज्य की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भागीदारी हो सके।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने विशेष रूप से राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के हिस्से के रूप में सबसे अधिक फिल्म अनुकूल राज्य पुरस्कार के गठन की केंद्र सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य राज्य सरकारों को फिल्म उद्योग की मदद के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार का उद्देश्य फिल्म पर्यटन और उनके राज्य में विदेशी फिल्म निर्माताओं को लाने के लाभ, भारत को एक वरीयता वाला फिल्म निर्माण गंतव्य बनाने के साथ-साथ फिल्म उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि एकल खिड़की मंजूरी सुविधा, फिल्मों की शूटिंग के लिए समर्पित स्थलों, राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित फिल्म स्टूडियो की उपस्थिति, फिल्म निर्माण और उसके बाद का बुनियादी ढांचा, राज्य में फिल्म की शूटिंग के लिए विदेशी फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहन, भारत को वरीयता वाले फिल्म निर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के रूप में फिल्म उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इसमें सिंगल विंडो मंजूरी सुविधा, समर्पित वेब पोर्टल की उपस्थिति, उपलब्ध सुविधाओं का डेटाबेस, फिल्म उद्योग के लिए प्रतिभा विकास के प्रयास, राज्य में संपर्कता और अंतरराष्ट्रीय विपणन पहल शामिल हैं।
परियोजन परिप्रेक्ष्य के रूप में उन्होंने कहा कि आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए समर्पित वेब पोर्टल अगले कुछ महीनों में चालू हो जाएगा। यह पोर्टल न केवल आवेदनों को केवल ऑनलाइन जमा करेगा और एक ही स्थान पर फिल्मों की शूटिंग के संबंध में सरकार के मंत्रालयों, विभागों के दिशानिर्देशों को सूचीबद्ध करेगा, बल्कि यह शूटिंग स्थलों की गाइड और एक सेवा प्रदाता निर्देशिका भी तैयार करेगा, ताकि अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समुदाय के लिए जो भारत में अपनी फिल्म की शूटिंग करने की इच्छा रखते हैं, एकल खिड़की बन जाएगा। उन्होंने एनिमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक्स के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, निजी भागीदारों को निवेश, प्रौद्योगिकी और फैकल्टी के साथ इस पहल का उपयोग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने गोवा में नवंबर 2016 में आयोजित होने वाले 47वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म समारोह के आधिकारिक पोस्टर और ब्रोशर का भी अनावरण किया।