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संसद में इस बार सबका सहयोग-नकवी

'जीएसटी बिल भी बातचीत से जल्द पास ‌हो जाएगा'

राज्यसभा में 44 और लोकसभा में 11 बिल लंबित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 14 May 2016 05:37:37 AM

minister of state for parliamentary affairs mukhtar abbas naqvi

नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने इस वर्ष दूसरे बजट सत्र के समापन पर कहा है कि प्रतिपक्ष और अन्‍य राजनीतिक दलों के साथ लगातार संपर्क और बातचीत करने के परिणामस्‍वरूप कुछ मुद्दों पर गर्म बहस होने के बावजूद संसद का काम बेहतर तरीके से चला, इस बार सबका सहयोग मिला। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तमंत्री और राज्‍यसभा के नेता अरुण जेटली, संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू और दो संसदीय कार्य राज्‍यमंत्रियों के विभिन्‍न मुद्दों पर सतत समन्‍वय, संपर्क और सहयोग के जरिए सरकार प्रतिपक्ष तथा अन्‍य दलों के साथ लगातार बातचीत करती रही है। उन्‍होंने सफलतापूर्वक सत्र के लिए लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन एवं सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी, उपसभापतियों तथा राजनीतिक दलों को धन्‍यवाद दिया।
मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने पिछले दो वर्ष की संसद की कार्यवाही और वि‍धायी कार्य के संबंध में सरकार के प्रयासों का ब्‍यौरा देते हुए मीडिया से कहा कि इस बार सदन की बैठकें अधिक हुई हैं और लोकसभा में अधिक विधेयक पारित किए गए हैं। उन्‍होंने बताया कि प्रति वर्ष लोकसभा की 75 बैठकें हुईं और 48 विधेयक पारित किए गए, जबकि 2004-14 के दौरान प्रति वर्ष 70 बैठकें हुई थीं और 45 विधेयक पारित हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष राज्‍यसभा की 71 बैठकें हुईं और 41 से अधिक विधेयक पारित हुए, जबकि 2004-14 के दौरान प्रति वर्ष 66 बैठकें हुई और 45 विधेयक पारित हुए थे, पिछले दो वर्ष के दौरान लोकसभा ने 96 विधेयक और राज्‍यसभा ने 83 विधेयकों को पारित किया।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने बताया कि 16वीं लोकसभा में अब तक हुए आठ सत्रों के दौरान सदन की लाभकारिता छह सत्रों के संबंध में शतप्रतिशत रही। राज्‍यसभा की लाभकारिता दो सत्रों के संबंध में 100 प्रतिशत से अधिक रही और पिछले दो वर्ष के दौरान अन्‍य तीन सत्रों के संबंध में यह 80 प्रतिशत से अधिक रही। मौजूदा बजट सत्र और राज्यसभा के अनिश्चितकालीन स्‍थगन के बारे में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ समाचार माध्‍यमों और राजनीतिक हल्कों की भविष्‍यवाणी के विपरीत यह सत्र कमोबेश अधिक लाभकारी और उपयोगी रहा, बावजूद इसके कि कुछ मुद्दों पर गर्म बहस भी हुई। उन्होंने कहा कि संसद में विवादित मुद्दों को उठाए जाने के बावजूद विधायी कार्य होता रहा और बेशक इस संबंध में और सुधार की आवश्‍यकता है। उल्‍लेखनीय है कि बजट सत्र 25 अप्रैल 2016 को शुरू हुआ था, लोकसभा 11 मई 2016 को स्थगित हुई, जबकि राज्‍यसभा कल अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित हो गई।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस सत्र के दौरान व्‍यवधान के कारण लोकसभा में जानबूझकर काम रोकने की एक भी घटना नहीं हुई और राज्‍यसभा में भी पिछले दो सत्रों के दौरान व्‍यवधान नहीं हुआ। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा में निर्धारित अवधि से अधिक 14 घंटे 32 मिनट काम हुआ। इसके कारण विधायी कार्य जल्‍द पूरा हो गया। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान लोकसभा की उत्‍पादकता 117.58 प्रतिशत और राज्‍यसभा की उत्‍पादकता 86.68 प्रतिशत रही। लोकसभा में 10 विधेयक और राज्‍यसभा में 12 विधेयक पारित हुए। सत्र के दौरान जो प्रमुख विधेयक पारित हुए, उनमें वित्‍त विधेयक और रेलवे विनियोग विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता, खान और खनिज (विकास और विनियमन) विधेयक, उद्योग (विकास और विनियमन) विधेयक और विमान अपहरण निरोधी विधेयक शामिल हैं, जिन्‍हें दोनों सदनों ने पारित किया। प्रतिपूरक वनीकरण विधेयक भी पारित किया गया।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने बताया कि राज्‍यसभा में विचार और पारित करने के लिए 44 विधेयक और लोकसभा में 11 विधेयक लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सुधारों के लिए संसद को और प्रयास करने होंगे। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि जीएसटी विधेयक को अधिक समय तक लंबित नहीं रहना पड़ेगा और उसे राजनीतिक विचार-विमर्श से जल्‍द पारित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्ष में संसद ने एक दर्जन से अधिक सुधार संबंधी विधेयक पारित किए हैं। इनमें बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, प्रतिभूति कानून (संशोधन) विधेयक, श्रम कानून (संशोधन) विधेयक, कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, भुगतान एवं निपटान प्रणाली (संशोधन) विधेयक, कंपनी (संशोधन) विधेयक, परक्राम्य लिखत (संशोधन) विधेयक, परिसंपत्ति (विनियम एवं विकास) विधेयक, आधार (वित्‍तीय एवं अन्‍य राजसहायता, लाभ एवं सेवा के लक्षित अंतरण) विधेयक, भारतीय न्‍यास (संशोधन) विधेयक और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता शामिल हैं। मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि भ्रम दूर करने के लिए पिछले दो वर्ष के दौरान 1,175 पुराने और अप्रासंगिक अधिनियमों को रद्द कर दिया गया है।

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