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Monday 16 May 2016 08:00:49 AM
नई दिल्ली। गुजरात में लगातार दूसरे साल कम बारिश होने के बावजूद राज्य जल ग्रिड ने सूखे इलाकों पर काफी हद तक काबू पाया है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में बताया कि राज्य जल ग्रिड के प्रयासों का ही नतीजा है कि दूरदराज के कुछ इलाकों में जल वितरण के लिए सिर्फ 568 टैंकरों की जरूरत पड़ी है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि 1.68 लाख मिट्टीरोधी बांध, 2.74 लाख कृषि तालाब, 1.25 लाख बोरी बांध बनाए गए हैं, इसमें जल संग्रहण क्षमता 42.3 अरब घन फीट है, इससे 6.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को फायदा हो रहा है और पाइप के जरिए राज्य में 77 फीसदी घरों में जलापूर्ति की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के कुछ इलाकों में सूखे और पानी की कमी के हालात पर उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, केंद्र और गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जल संरक्षण, जल स्रोतों के पुर्नभरण एवं निर्माण के लिए राज्य की ओर से की जा रही कोशिशों के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आनंदीबेन पटेल के प्रयासों की सराहना करते हुए अपेक्षा की कि इस दिशा में और ज्यादा कार्य किए जाएं, ताकि टैंकर से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता ही न पड़े। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य ने सूक्ष्म-सिंचाई के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, करीब 3789 गांवों में सौ फीसदी ड्रिप, छिड़काव सिंचाई कवरेज के लक्ष्य को हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की ओर से किए गए उपायों के परिणामस्वरूप कम बारिश और बारिश के असंतुलित सामयिक वितरण के बावजूद सूखे से काफी हद तक बचाव संभव हो पाया है।
आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री को बताया कि सरदार सरोवर सिंचाई योजना के तहत बड़े पैमाने पर नहरों के निर्माण से फसलों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इससे कृषि से होने वाली आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने बताया कि लगातार दो साल सूखा पड़ने के बावजूद राज्य में फसल उत्पादन सामान्य स्तर का 95 फीसदी आंका गया है। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने बागबानी और नकदी फसलों के मूल्यवर्द्धन पर जोर दिया। मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, सीप संवर्धन और समुद्री शैवाल को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की गई। यह बैठक राज्य और केंद्र के आपस में मिलकर काम करने के संकल्प के साथ सम्पन्न हुई।