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Tuesday 17 May 2016 02:47:14 AM
नई दिल्ली। सड़क यातायात, राजमार्ग तथा नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजमार्ग क्षेत्र हितधारक बैठक में हितधारकों का आह्वान किया है कि वे सड़क निर्माण के लिए नवाचारों का बेहतर इस्तेमाल करें और दुनियाभर में प्रचलित मानकों का पालन करें। उन्होंने कहा कि देश में सड़क यातायात क्षेत्र में अपार क्षमताएं हैं और संसाधन बेहतर रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद तब तक इस क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाएगा, जब तक सभी हितधारक सकारात्मक रुझान के साथ प्रभावशाली तरीके से काम नहीं करेंगे। बैठक में सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय और एनएचआईडीसीएल के आला अधिकारियों के साथ सड़क निर्माण से संबंधित ठेकेदार, परामर्शदाता, बैंकर और सामग्री आपूर्तिकर्ता उपस्थित थे।
नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए हैं और सड़क निर्माण को आसान बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण क्लीरियंस तथा कोष की कमी जैसी समस्याओं को हल किया है। उन्होंने कहा कि उपग्रह आधारित सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली, सड़क निर्माण के लिए कंक्रीट का इस्तेमाल, इलेक्ट्रोनिक टॉल संग्रह, इनमप्रो जैसे प्रौद्योगिकीय कदम भी उठाए गए हैं। इनका उद्देश्य सड़क निर्माण में तेजी लाना और पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी तथा प्रभावशाली बनाना है। नितिन गडकरी ने कहा कि उनका प्रयास है कि एक मजबूत कामकाज आधारित उत्तरदायी प्रणाली बनाई जाए। नितिन गडकरी ने ई-पेस, इंफ्राकॉन और उन्नत इनमप्रो जैसी सूचना प्रौद्योगिकी पहलों की शुरूआत भी की। सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय की इन पहलों को एनएचआईडीसीएल ने विकसित किया है।
नितिन गडकरी ने कहा कि ई-पेस का लक्ष्य परियोजनाओं को उन्नत करना और उनमें लगातार विकास करना है, यह एक ऑनलाइन एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली है, जो मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं को एक साझा मंच पर एकत्र करती है और उनकी प्रगति की निगरानी करती है। विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाई जाने वाली दो हजार से अधिक परियोजनाओं को पोर्टल पर सूचीबद्ध किया गया है, ताकि उनकी स्थिति, निधि के इस्तेमाल इत्यादि की सूचना प्राप्त की जा सके। इस पोर्टल को कोई भी व्यक्ति आसानी से देख सकता है और किसी भी राज्य में चलने वाली परियोजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। जीआईएस इंटरफेस के जरिए परियोजनाओं की जियो-ट्रैकिंग भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इंफ्राकॉन संरचना संबंधी परामर्शदाता और प्रमुख कार्मिकों का राष्ट्रीय पोर्टल है। यह पोर्टल सड़क इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र में संलग्न परामर्शदाता तथा प्रमुख कार्मिकों के बीच पुल का काम करता है।
पोर्टल में परामर्शदाता और प्रमुख कार्मिकों का विवरण दिया गया है, जिन्हें आधार तथा डिजी लॉकर से जोड़ा गया है। पोर्टल में अब तक 474 परामर्शदाता और 2387 प्रमुख कार्मिकों को विभिन्न वर्गों में पंजीकृत किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय से जुड़ी एनएचआईडीसीएल जैसी एजेंसियां भी इंफ्राकॉन के जरिए तकनीकी प्रस्ताव प्राप्त कर सकती हैं। इस प्रक्रिया से समय भी बचेगा और पारदर्शिता में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि इनमप्रो एक वेब आधारित एप्लिकेशन www.inampro.nic.in है, जो संरचना तथा सामग्री प्रदाताओं के लिए काम करता है। यह एक वेब आधारित बाजार है, जहां निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने वाले और उनके खरीदार एक ही स्थान पर सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म को सड़क निर्माण से जुड़े ठेकेदारों और सीमेंट खरीदारों की सुविधा के लिए मार्च 2015 में शुरू किया गया था, ताकि उन्हें विभिन्न परियोजनाओं के निकट ही उचित दरों पर सामग्री उपलब्ध हो सके। पोर्टल में सीमेंट कंपनियों को यह सुविधा प्राप्त होती है कि वे आसानी से अपने भंडारण और कीमतों की जानकारी प्रदान कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए उन्हें निर्माण सामग्री के विषय में आपूर्ति के लिए सूचना प्राप्त हो जाती है और वे समय पर सामग्री की आपूर्ति कर पाते हैं।
इनमप्रो के इस्तेमाल से विक्रेता कंपनियां आसानी के साथ अपने ऑर्डर को ट्रैक कर सकती हैं, अतिरिक्त सामग्री को जोड़ सकती हैं और सीमेंट की उपलब्धता की जानकारी दे सकती हैं। इसके जरिए मंत्रालय को शिकायतें या सुझाव भी दिए जा सकते हैं। इसी तरह खरीदार भी विभिन्न कंपनियों से मंगाए जाने वाले माल के विषय में जानकारी ले सकते हैं। इस सुविधा के जरिए सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय भी खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं की गतिविधियों की निगरानी कर सकता है तथा समस्याओं को हल कर सकता है। इनमप्रो की सफलता से प्रेरित होकर इस प्लेफॉर्म पर इस्पात जैसी अन्य निर्माण सामग्रियों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इस तरह यह एक समेकित ई-बाजार के रूप में विकसित हो चुका है। नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर आईटी टास्कफोर्स रिपोर्ट भी जारी की। इस रिपोर्ट में यातायात क्षेत्र को अधिक प्रभावशाली और पारदर्शी रूप से काम करने के लिए सुझाव दिए गए हैं। इसके लिए रिपोर्ट में कई ऐसे उपाय सुझाए गए हैं, जहां सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।