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Friday 20 May 2016 04:27:22 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कल विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के दल के साथ हुई बैठक में कहा है कि वर्ष 2015-16 में विश्व निर्यात में दबाव और दो वर्ष लगातार वर्षा न होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है। विश्व बैंक के 9 कार्यकारी निदेशकों का यह दल दक्षिण एशिया क्षेत्र के आधिकारिक दौरे पर भारत के छह दिन के भ्रमण पर है। यह दल बांग्लादेश और श्रीलंका का दौरा भी करेगा। भारत में अपने दौरे के दौरान कार्यकारी निदेशक केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और विश्व बैंक की आगरा, भुवनेश्वर और जयपुर में चल रही विभिन्न परियोजना के क्रियांवयन को देखेंगे।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बैठक में कहा कि विश्वभर में मंदी की स्थिति के बीच भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, लाभदायक, चालू खाते में कमी वित्तीय घाटे और वित्तीय सुधार के पथ पर निरंतर बढ़ने के कारण भारत विश्वभर के निवेशकों के लिए आकर्षक केंद्र बनकर उभरा है। बैठक में भारत में चल रही विश्व बैंक की परियोजनाओं और विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से जुड़े विभिन्न नीतिगत फैसलों पर भी विचार-विमर्श किया गया। वित्तमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकता में गैर परंपरागत ऊर्जा उत्पादन, राष्ट्रीय स्तर का स्वच्छता कार्यक्रम, गावों का विद्युतीकरण, बड़ी और छोटी सिंचाई परियोजनाएं और सभी ग्रामीणों को आवास सम्मिलित हैं।
अरुण जेटली ने पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में गिरावट के चलते भारत को मिलने वाले लाभ पर जोर दिया और कहा कि विश्व स्तर पर पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में गिरावट ने भारत की मदद उस समय की है, जब भारत विश्व वित्तीय संकट के प्रभाव से उबर रहा है। विश्व के विकास में विश्व बैंक समूह की भूमिका के बारे में वित्तमंत्री ने विश्व बैंक से अधिक पूंजी आधार, अधिक गतिविधियों और अधिक परियोजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की भूमिका सामाजिक क्षेत्रों जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य, कृषि विकास, लघु उद्योग और हथकरघा उद्योग आदि में बढ़ायी जा सकती है।