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Saturday 21 May 2016 04:00:40 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 14वें बीएसएफ अलंकरण समारोह-2016 पर बहादुर अधिकारियों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों को पदक प्रदान किए। इस अवसर पर 6 बीएसएफ जवानों को वीरता के लिए पुलिस पदक और 13 बीएसएफ अधिकारियों और जवानों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकों से अलंकृत किया गया। मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में सीमा प्रबंधन की चुनौतियां पर महत्वपूर्ण भाषण देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में भारत के खिलाफ छद्म युद्ध एक बड़ी चुनौती है और सरकार सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल हमारी रक्षा के लिए अग्रणीय प्रहरी है, सीमा पर कई प्रकार के बल तैनात हैं, इनके अधिकारी प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना आपसी तालमेल के माध्यम से करते हैं। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर मवेशियों की तस्करी में संबंधित राज्य सरकारों और सुरक्षा बलों के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सहायता से काफी कमी आई है। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार सीमा प्रबंधन में तकनीकी उन्नयन शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और सीमाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए मानव जनशक्ति को प्रशिक्षित कर रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि बीएसएफ सीमाओं के सुरक्षा विकास के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराती है, जो आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण है। उन्होंने केएफ रूस्तम को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके अथक प्रयास सीमा सुरक्षा बल की स्थापना और विकास में बहुत महत्वपूर्ण रहे, उनका योगदान सभी के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है। राजनाथ सिंह ने अलंकरण समारोह में एक पत्रिका प्रहरी संगिनी का विमोचन किया। बीएसएफ पर लघु वृत्तचित्र में बीएसएफ भारत की रक्षा की पहली पंक्ति दिखाई गई। सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक केके शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बीएसएफ की स्थापना से लेकर आज तक की यात्रा का स्मरण किया और बताया कि बीएसएफ ने वर्षों से कई चुनौतियों और संकटों का सफलतापूर्वक सामना किया है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिवारों के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।