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Saturday 28 May 2016 05:41:05 AM
शिलांग/ नई दिल्ली। तीस साल में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय का यह दौरा था, इसलिए सवाल उठता है कि भारत सरकार के किसी प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं सोचा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भी राष्ट्रवाद की बयार बहे और यहां की जनता का विश्वास अर्जित करने के लिए उनके बीच जाया जाए। इन वर्षों में पूर्वोत्तर राज्य किसी न किसी रूप में शेष भारत से अलग-थलग ही रहे हैं, मगर असम की हवा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेघालय दौरे से पूर्वोत्तर के राज्य देश और प्रधानमंत्री के प्रति जोश से भर गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने बीच पाकर शिलांग खुशी में चूर है और नरेंद्र मोदी जब मेघालय के ऐतिहासिक खासी समुदाय के आदिवासियों के गांव मॉफलांग पहुंचे तो यह दौरा ऐतिहासिक और इतिहास बन गया। मॉफलांग गांव एशिया का सबसे स्वच्छ और साफ-सुथरा गांव माना जाता है। यहां के आदिवासियों ने अपनी परंपरागत वेशभूषा, सामूहिक नृत्य और वाद्ययंत्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत करते हुए उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रधानमंत्री ने भी कलाकारों के साथ नगाड़ा बजाया और उनके साथ उनके दूसरे वाद्ययंत्र भी बजाए। उन्होंने कलाकारों को अपने पास बुलाया, उनमें घुले-मिले, सबके साथ फोटो खिंचवाए और गांव में खासी समुदाय के लोगों के साथ चाय की चुस्कियां लीं।
भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम पर भाजपा की प्रचंड जीत दर्ज़ करने से उत्साहित अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल से मेघालय के दौरे पर हैं। वे देश के पूर्वोत्तर राज्यों को भाजपामय बनाने के खास अभियान पर हैं और इसी अंदाज में यह उनका मेघालय दौरा था। वे बड़े अपनेपन से मेघालय के लोगों के बीच पहुंचे और खासी समुदाय के आदिवासियों के गांव पहुंचकर उनका दिल जीत लिया। मेघालय ने महसूस किया कि प्रधानमंत्री का दुलार उसके लिए बहुत भावनात्मक और गहरा है। यहां के आदिवासियों को जिस वातावरण की जरूरत थी, वह उन्हें प्रधानमंत्री से मिला। प्रधानमंत्री ने बिना किसी तकल्लुफ के उनसे बातचीत की, उनके बीच में रहे। प्रधानमंत्री का नगाड़े और पारंपरिक वाद्य बजाकर स्वागत हुआ तो मीडिया ने भी कसीदे पढ़े कि भारत के प्रधानमंत्री ने यहां का दौरा करके पूर्वोत्तर में अपनी लहर चला दी है। यहां के लोगों को तनिक भी ऐसा नहीं लगा कि वे उच्च सुरक्षा प्राप्त किसी अतिविशिष्ट राजनेता के पास हैं और उसके आस-पास सबको घूरते हुए स्वचालित अजनबी हथियारों से लैस खूंखार सुरक्षाकर्मियों का जमावड़ा है। प्रधानमंत्री ने शायद यह हिदायत दी हुई होगी कि इन लोगों के बीच खूंखार सुरक्षा का कोई असहज वातावरण नहीं दिखाई दे। मेघालय के लोगों ने शिलांग से लेकर मॉफलांग गांव तक नरेंद्र मोदी के लिए पलक पावड़े बिछा दिए। प्रधानमंत्री जब गांववालों के साथ चाय की चुस्की ले रहे थे तो लग रहा था जैसे कि वे अपने परिवार के बीच खड़े हों। प्रधानमंत्री ने यहां स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े कई लोगों को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय के सबसे बड़े पर्यटन स्थल एलिफेंट फाल का दौरा किया। इसके पहले उन्होंने रामकृष्ण केंद्र के एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित किया और उन्हें अपने राष्ट्रवाद और कॅरियर के प्रति प्रेरक भाषण में उम्मीदों से लबरेज़ कर दिया। उन्होंने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों को जमीन पर उतारने की कोशिशों के बारे में बताया। नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मैरी हेल्प ऑफ क्रिश्चियंस कैथेड्रल भी गए। पूर्वोत्तर में इसे ईसाई समुदाय के बड़े केंद्रों मे से एक माना जाता है, इसके बाद वह पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक विशेष बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के 65वें सामान्य सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र, स्वयं सहायता समूहों, खासतौर से महिला स्वयं सहायता समूहों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, इसे ध्यान में रखकर सरकार ने पूर्वोत्तर के लिए एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र खेलों के मामले में प्रतिभा संपन्न है, खासतौर से फुटबॉल में, इस उद्गार के साथ उन्होंने शिलांग में एक फुटबाल स्टेडियम की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि इससे फुटबॉल देश की और ज्यादा प्रतिष्ठा बढ़ाएगा। इस फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण 38 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि पूर्वोत्तर जैविक खाद्यान्न का भंडार बने, पूर्वोत्तर क्षेत्र जैविक खेती के क्षेत्र में चमके। इसे उन्होंने केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा बताया।