स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 1 June 2016 04:53:13 AM
नई दिल्ली। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने राजग सरकार के समेकित वृद्धि एवं विकास के 2 वर्ष पूरे होने पर कहा है कि स्किल इंडिया मिशन के 2015-16 में 1.04 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, पिछले वर्ष की तुलना में यह 36.8 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार 60 प्रतिशत लोगों को प्रशिक्षण सीधे कौशल विकास और उद्यमिता के तहत और बाकी 40 प्रतिशत को अन्य केंद्रीय मंत्रालय प्रदान कर रहे हैं। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि 15 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 20 लाख लोगों ने अपनी इच्छानुसार ट्रेड में प्रशिक्षण पाया है, इनमें 40 प्रतिशत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत दो वर्ष में किए गए प्रयासों और प्राप्त उपलब्धियों के बारे में उन्होंने बताया कि कौशल प्रशिक्षण और विकास के माहौल ने पीएमकेवीवाई, निजी क्षेत्रों के साथ आईटीआई, उद्योग साझेदारी, विश्व बैंक के जरिए नए विचार और वित्त समावेश और ठोस प्रयासों जैसी पहलों के जरिए स्वरूपात्मक बदलाव देखे हैं, इसके साथ ही उद्यमिता शिक्षा और विकास, प्रविक्षार्थी अधिनियम में सुधार से युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, राष्ट्रीय मानकों, सामान्य मापदंडों और स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे स्तरों पर विभिन्न मंत्रालय, विभाग तथा राज्य समन्वय और समाहित करने की कई योजनाएं चला रहे हैं, साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास नीति और मिशन की शुरूआत के साथ कई नीतियों में बदलाव किए गए हैं।
कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री ने बताया कि 1500 से अधिक पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने रोज़गार के साथ कौशल को बेहतर तरीके से जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि बढ़ रही अर्थव्यवस्था तथा मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, राजमार्गों के तेजी से निर्माण जैसे कार्यक्रमों की सफलता के लिए कुशल श्रमिकों की जरूरत है, उनका मंत्रालय इस दिशा में इस प्रयास को सुनिश्चित करेगा। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों के बीच बुनियादी सरंचनाओं का लाभ उठाने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों रेलवे, रक्षा, स्वास्थ्य, दूरसंचार, विद्युत और कोयला के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, रेलवे परिसर में 52 स्किल सेंटरों की पहचान की गई है, जिनमें 12 सेंटरों में काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त होने वाले रक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण देने का एक नया मॉडल तैयार किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में प्रशिक्षकों की मांग पूरी की जा सकेगी।
राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि 56 आईएएफ अधिकारियों को पायलेट योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सरकार के दो वर्ष की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि देशभर में आईटीआई की संख्या मई 2014 में 10,750 थी, जो मई 2016 में 13,105 हो गई है। इस वर्ष सितंबर तक इनकी संख्या 18,000 हो जाएगी। पिछले एक वर्ष में 1,141 नई आईटीआई जोड़ी गई हैं और 1.73 प्रतिशत सीटों की वृद्धि हुई है। एमएसडीई ने महिलाओं में कौशल विकास के लिए पांच नए आरवीटीआई खोलने में सक्षम रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक लोगों को मान्य मानक का कौशल प्राप्त करने लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने वर्तमान आईटीआई, नई आईटीआई और बहु-कौशल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना और उनका आधुनिकीकरण का लक्ष्य रखा है, ताकि उद्योगों में उन्हें रोज़गार मिल सके। एमएसटीआई की स्थापना अनारक्षित क्षेत्रों, ब्लॉकों में किया जाएगा, जिससे स्किल इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि देश के प्रत्येक जिले में बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाला एक आदर्श कौशल केंद्र स्थापित किया जाएगा और 2017 तक 500 जिलों में ये केंद्र काम करने लगेंगे।
उद्यमिता राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कौशल विकास सहयोग की मदद से निजी क्षेत्र में भी कौशल विकास के वातावरण को बढ़ावा मिला है और 11 नई सेक्टर कौशल परिषद जोड़ी गईं हैं, जिससे इनकी संख्या अब 40 हो गई है, इसके साथ ही 151 प्रशिक्षण साझेदार और शामिल हुए हैं, जिससे अब इनकी संख्या 267 हो गई है। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय कौशल प्रमाणीकरण बोर्ड के गठन के साथ ही प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत होगी, जहां सरकारी और निजी उद्योग दोनों मिलकर गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण के क्षेत्र में संयुक्त फ्रेमवर्क बनाने में सक्षम होंगे। सरकार की स्टैंडअप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के आलोक में राजीव प्रताप रूडी ने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि 2200 कॉलेजों, 300 स्कूलों, 500 सरकारी आईटीआई और 50 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में उद्यमशीलता, शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि लघु व्यापार विकास राष्ट्रीय उद्यमशीलता संस्थान ने 4,82,079 व्यवसायी प्रशिक्षण आयोजित किए हैं, इनमें 83 प्रतिशत प्रशिक्षण डिजिटल उद्यमशीलता उन्मुखी कार्यक्रम के हैं।