दिनेश शर्मा
Thursday 07 February 2013 08:00:28 AM
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र दामोदर रॉव मोदी ने कहा है कि देश इस समय भारी निराशा से गुजर रहा है, इस निराशा से देश की जनता यह मानने लगी है कि सत्ता में बैठे सब चोर हैं, इस निराशावाद को समाप्त करने के लिए केंद्र में सत्ता परिवर्तन की बहुत जरूरत है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को अब असली आज़ादी का इंतजार है। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कालेज आफ कामर्स के छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने इस निराशावाद से उबरने के लिए विकल्प के रूप में गुजरात के विकास मॉडल को पेश किया।
नरेंद्र मोदी गुजरात का चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में एक ऐसे कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें युवा भारत मौजूद था। मोदी ने एक घंटे से भी ज्यादा धाराप्रवाह भाषण में इन युवाओं के बीच यह साबित किया कि देश को आज कैसे नेतृत्व की जरूरत है। उनकी बातों को सांस रोक कर सुना गया और एक ही लाईन में मोदी वह सब कह गए जो देश सुनना और उसे लागू करना चाहता है। इलाहाबाद महाकुंभ में मोदी को भी जाना है, लेकिन उन्होंने यहां जो बोला है उसका संदेश महाकुंभ में भी चला गया है। नरेंद्र मोदी ने असली आज़ादी की बात कह कर देश को गहरे विचार मंथन की ओर मोड़ दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता बगलें झांक रहे हैं कि मोदी की किस बात को राजनीतिक सनसनी या राजनीतिक सांप्रदायिकता का मसाला बना कर दो चार दिन काम चलाया जाए लेकिन नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास मॉडल को प्रस्तुत कर कांग्रेस और अन्य धर्मनिरपेक्ष वादियों का गुब्बारा फोड़ दिया।
श्रीराम कालेज में ‘वैश्विक परिदृश्य में उभरता व्यापार मॉडल’ विषय पर बोलने के लिए उन्हें यहां बुलाया गया था, एक सर्वेक्षण में बड़ी संख्या में छात्रों ने मोदी को सुनने की इच्छा व्यक्त की थी, चूंकि यह विषय ही ऐसा था कि जिसमें देश को बरबादी की ओर ले जाने वाले कारकों का जिक्र करना अनिवार्य था, इसलिए देश में सत्तारुढ़ यूपीए गठबंधन मोदी के निशाने पर आए बिना नहीं रहा और उन्होंने देश में निराशावाद का ठींकरा यूपीए के सर फोड़ा। यहां लगा कि मोदी जो कह रहे है, वही युवा भारत भी सुनना चाह रहा है। अंदर के माहौल को बाहर से प्रायोजित कुछ छात्रों ने प्रभावित करने की कोशिश की, मगर मोदी के सामने वे अपनी खीज ही उतारते रहे। मोदी ने कहा कि देश में ऐसा निराशावाद छा गया है कि लोग भारत में जन्म लेने को अभिशाप मानने लगे हैं, युवा अपनी शिक्षा पूरी करने के तुरंत बाद देश छोड़ देना चाहते हैं।
निराशावाद से आशा की तरफ चलते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा अनुभव है कि उसी कानून, उन्हीं नियमों, उन्हीं अधिकारियों, उन्हीं लोगों और उन्हीं फाइलों से हम आगे बढ़ सकते हैं और बहुत कुछ कर सकते है, गुजरात मॉडल जनोन्मुखी और अच्छे शासन पर आधारित है, इसलिए जब गुजरात में यह सफल है तो देश में सफल कैसे नहीं हो सकता? जरूर होगा, इसीलिए निराशावाद को दूर करने के लिए देश में सत्ता परिवर्तन बहुत जरूरी है। भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जा रहे नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को वोट बैंक की राजनीति बरबाद कर रही है, जबकि देश को विकास की राजनीति की आवश्यकता है, हम देश में टिकाऊ बदलाव और विकास की स्थिति लाएंगे और देश के मानव संसाधन का देश के विकास में पूरी क्षमता से उपयोग करेंगे।
नरेंद्र मोदी का शासन चलाना औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही मुश्किल पाया गया है। उन्होंने अपने सामने हर समय कठिन से कठिन राजनैतिक चुनौतयों का हिम्मत से मुकाबला करते हुए ध्वस्त गुजरात को चमकता गुजरात बनाया है जिसको आज विश्वस्तर पर मान्यता मिली है। आज हर कोई मोदी के राजनीतिक और प्रशासनिक प्रबंधन को अपनाने की बात कर रहा है। विपरीत विषम स्थितियों में जब मोदी को दुनियाभर में अछूत और मौत का सौदागर बताकर राजनीतिक और सामाजिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश जारी है, मीडिया का दुष्प्रचार और जब केंद्र सरकार का भी सहयोग न हो तो ऐसे में औद्योगिक जगत को अपने राज्य में आकर्षित कर लेना एवं लगातार चौथी बार सरकार बना ले जाना कोई आसान नहीं है, ऐसे ही कारण थे, जो नरेंद्र मोदी को यहां व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था।
नरेंद्र मोदी ने अपने दिल्ली प्रवास पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी भेंट की और उनसे गैस के बढ़े मूल्यों पर चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को अच्छी बताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें गुजरात के विकास और नई सरकार की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्होंने भी प्रधानमंत्री से कहा कि जनता के कल्याण के लिए उनकी सरकार जो भी कदम उठाएगी, गुजरात सरकार उसे पूरा समर्थन देगी।