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Friday 10 June 2016 07:22:55 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने उत्तराखंड के 22 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों तथा शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों के प्राचार्यों को 'गवर्नर्स अवार्ड' से सम्मानित किया। राजभवन के प्रेक्षागृह में आयोजित इस गौरवशाली सम्मान समारोह में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के घोषित परीक्षा परिणाम-2016 की श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले कक्षा 12 के कला संकाय, विज्ञान संकाय तथा कामर्स संकाय के कुल 19 विद्यार्थियों और हाई स्कूल के तीन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने बच्चों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक सोच विकसित करने की दृष्टि से 2015 में अपनी अभिनव योजना का शुभारंभ किया था।
राज्यपाल ने सभी सम्मानित विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई देते हुए अपने प्रेरणात्मक संबोधन में कहा कि इस सफलता के पीछे विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, लगन तथा शिक्षकों का प्रेरक व सफल मार्गदर्शन होता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में समाज के प्रत्येक क्षेत्र में नित नए बदलाव दिखाई दे रहे हैं, अपेक्षाएं भी तेजी से बदल रही हैं, स्वाभाविक रूप से विद्यार्थियों पर अच्छे नंबर लाने या अच्छे ग्रेड में सफल होने का दबाव भी लगातार बढ़ रहा है, केवल अच्छे अंक प्राप्त कर लेना काफी नहीं है, बल्कि उससे भी ज्यादा जरूरी है, कि अपनी क्षमता, योग्यता व विशेषताओं को पहचाना और उन्हें निखारने की कोशिश करते हुए सही दिशा में आगे बढ़ना, इसमें शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उमंग, उत्साह और ऊर्जा के स्रोतों से जुड़े रहिए चाहे वे व्यक्ति विशेष के रूप में हो या पुस्तकों के रूप में, पढ़ने की आदत, ज्ञान वृद्धि, मन की एकाग्रता, सकारात्मक सोच, व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन की समृद्धि तथा चारित्रिक विकास में मददगार होती है।
राज्यपाल ने कहा कि अच्छी पुस्तकों तथा महापुरूषों के जीवन चरित्र का अध्ययन आत्मसुधार और व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है। डॉ कृष्ण कांत पाल ने विद्यार्थियों से कहा कि उनको पूरे आत्मविश्वास के साथ वर्तमान की हर चुनौती का सामना करते हुए भविष्य को सुंदर बनाने की तैयारी करनी है और राष्ट्रनिर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सामाजिक उपयोगिता के कार्यों से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ से जुड़ें और पानी की उपयोगिता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें। उन्होंने अंग्रेजी भाषा के साथ ही कंप्यूटर, शार्ट हैंड, टाइपिंग का ज्ञान बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में सफलता के लिए अपनी दक्षता व योग्यता को निरंतर बढ़ाते रहना जरूरी है, इसके लिए सीखते रहने की प्रवृत्ति बनाए रखें। राज्यपाल ने कहा कि जो विद्यार्थी श्रेष्ठ स्थान प्राप्त नहीं कर सके हैं, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें अपने प्रयासों का पुनरावलोकन और चिंतन करते हुए भविष्य की कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ना होगा, अभिभावकों एवं शिक्षकों का विशेष दायित्व है कि वे बच्चों की अभिरूचियों को पहचानें और उनके मजबूत पक्ष को उभारें।
डॉ कृष्णकांत पाल ने कहा कि जो छात्र अकादमिक क्षेत्र मेंबेहतर नहीं कर पाए हैं, वे बेहतर खिलाड़ी, बेहतर कलाकार बन सकते हैं, उनमें कुशल नेतृत्व के गुण हो सकते हैं, बच्चों को अपनी क्षमताओं को पहचानने और उसी दिशा में बढ़ने के लिए शिक्षकों एवं अभिभावकों का मार्गदर्शन आवश्यक है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गवनर्स अवार्ड की परंपरा को प्रांरभ करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे छात्र-छात्राओं व अध्यायकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रपिरकेटी बागेश्वर, कचीला पिथौरागढ़ और धूमाकोट पौड़ी गढ़वाल के विद्यालयों ने सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, इससे जाहिर होता है कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और हमारे गांव आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की प्रगति के पथ-प्रदर्शक शिक्षक ही हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई प्रयास किए जा रहे है, लगभग 600 मॉडल स्कूल चिन्हित किए गए हैं, आज प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक हैं, माध्यमिक स्तर पर प्रधानाचार्यों की कमी दूर कर दी गई है। शिक्षामंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने गवर्नर्स अवार्ड शुरू करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल से पुरस्कार धनराशि में बढ़ोत्तरी का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने समारोह में ही टापर्स को दी जाने वाली नकद पुरस्कार की धनराशि को अगले वर्ष से दोगुनी करने की भी घोषणा की। अपर सचिव शिक्षा रंजना वर्मा ने राज्य में सुदृढ़ होती शिक्षा व्यवस्था से परीक्षा परिणामों में निरंतर परिलक्षित हो रहे सुधार का उल्लेख करते हुए राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें आश्वस्त किया कि भविष्य में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा और अच्छा परिवेश देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे आगामी परीक्षा परिणामों के आधार पर प्रतिभाशाली बच्चों की संख्या बढे़गी।
शिक्षा निदेशक राकेश कुंवर ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इंटरमीडिएट के विभिन्न वर्गों में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने 5 हजार, 3 हजार और 2 हजार रूपए की धनराशि के बैंक ड्राफ्ट तथा ‘गवर्नर्स एवार्ड’-प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इसी प्रकार हाईस्कूल के तीन मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले 3 स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए मैरिट के आधार पर 50 हजार, 30 हजार तथा 20 हजार की धनराशि के ड्राफ्ट संबंधित स्कूलों के प्राचार्यों को प्रदान किए गए। वैदिक मंत्रोचारण के बीच दीप प्रज्जवलित कर राज्यपाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी, सचिव अरूण ढ़ौंड़ियाल, सम्मानित विद्यार्थियों के अभिभावक, संबंधित स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। स्मृति चिन्ह के रूप में छात्राओं ने राज्यपाल और अतिथियों को पौधे भेंट किए।