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Friday 08 February 2013 10:19:15 AM
नई दिल्ली। तीसरा राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन कल से विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन 3 दिन चलेगा। यह इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत में सामुदायिक रेडियो का पहला दशक मना रहा है। इस सम्मेलन में सामुदायिक रेडियो के संचालक, नीति निर्माता, सरकारी मंत्रालय, विभाग और संयुक्त राष्ट्र, यूनिसेफ, यूनेस्को, फोर्ड फाउंडेशन आदि अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी भाग लेंगे।
पहला सामुदायिक रेडियो सम्मेलन फरवरी 2011 में और दूसरा फरवरी 2012 में आयोजित किया गया था। सम्मेलन के साथ-साथ सामुदायिक रेडियो के क्षेत्र में विभिन्न संगठनों और नए भाग लेने वाली संस्थाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रर्दशनी भी लगायी जा रही है। इस अवसर पर विजेताओं को राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। तीन दिन चलने वाली इस कार्यशाला में विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों यथा सामुदायिक रेडियो के लिए संसाधन, टिकाउपन, विकास की विषय वस्तुओं के आदान-प्रदान और कार्यक्रमों पर विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर एक सामुदायिक रेडियो सार-संग्रह भी जारी किया जाएगा, जिसमें समूचे देश से प्रेरणा दायक कहानियां शामिल होंगी। यह सम्मेलन सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने वन वर्ड फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से आयोजित किया है। मंत्रालय इस बात के भी प्रयास कर रहा है कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्वावलंबी बन सकें। मंत्रालय ने 35 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का एक पैनल बनाया है जिन्हें श्रृव्य-दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) से सरकारी विज्ञापन प्राप्त होंगे। सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए विज्ञापन दरें एक रूपया प्रति सेकेंड से बढाकर चार रूपया प्रति सेकेंड कर दी गयी हैं। मंत्रालय 12वीं योजना में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को वित्तिय सहायता देने के बारे में भी सोच रहा है। इस योजना की मंजूरी के बाद हर वर्ष 100 नए सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोले जाएगे। इस प्रकार 12वीं योजना अवधि में लगभग 500 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम करने लगेंगे।