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Friday 08 February 2013 10:21:49 AM
नई दिल्ली। पर्यावरण और वन मंत्रालय में वन सलाहकार समिति ने विभिन्न राज्यों में 2500 मेगावॉट की जल परियोजनाओं के अनुबंध को मंजूरी दे दी है। अरूणाचल प्रदेश में तवांग-2 एचई परियोजना (800 मेगावॉट) और सिक्किम में तीस्ता-4 एचई परियोजना (500 मेगावॉट) पूरी करने का काम एनएचपीसी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश में लूहरी एचई परियोजना (775 मेगावॉट) पूरी करने का काम सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा। उत्तराखंड में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की पूरी की जाने वाली विष्णुगढ़ पीपलकोटि एचई परियोजना (440 मेगावॉट) को वन्यजीव राष्ट्रीय बोर्ड को मंजूरी मिल गयी है।
इन परियोजनाओं की मंजूरी काफी समय से लटकी पड़ी थी। देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में जल से ऊर्जा बनाने की संभावनाओं का दोहन करना जरूरी है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय ऊर्जा ग्रिड निगम की 8 संचरण परियोजनाओं को पहले चरण में और दूसरे चरण में दो संचरण परियोजनाओं को अलग-अलग मंजूरी दी।
पर्यावरण और वन मंत्रालय ने 5 फरवरी, 2013 को जारी आदेश के अनुसार संचरण लाइनों सहित कुछ परियोजनाओं को संबंधित ग्राम सभा की सहमति प्राप्त करने से छूट दी बशर्ते कि आदिम जनजाति समुदायों/कृषि पूर्व समुदायों के अधिकारों को कोई नुकसान न हो। हालांकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पहले से निर्दिष्ट अन्य शर्तें 03-08-2009 को जारी आदेश के अनुसार लागू होंगे। इससे संचरण परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी मिलने में मदद मिलेगी।