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Saturday 13 August 2016 06:16:13 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने विश्व हाथी दिवस पर स्कूली छात्रों के समूह को संबोधित करते हुए उनसे जंगली पशुओं, विशेष रूप से हाथियों के प्रति संवेदनशील बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता भारतीय सभ्यता की कसौटी रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को हाथी दांत से बने उत्पादों एवं पशुओं की खालों से बने अन्य उत्पादों के उपयोग से परहेज करना चाहिए।
पर्यावरण राज्यमंत्री ने कहा कि सभी पशुओं की तरह हाथी हमें कई पाठ सिखाता है। उन्होंने कहा कि हाथियों की सूंढ़ बेहद संवेदनशील होती है और हम सभी को संवेदनशील बनने का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने कहा कि जहां हाथी की सूंढ़ बेहद संवेदनशील होती है और वह एक सूंई भी उठा सकता है, दूसरी तरफ उसमें लकड़ी के भारी गट्ठरों को भी उठाने की ताकत होती है। उन्होंने छात्रों को बताया कि हाथी की याददाश्त बेहद तेज़ होती है, इसी प्रकार छात्रों में भी किसी किताब की एक पंक्ति या एक अध्याय को पूरी तरह याद करने की क्षमता होनी चाहिए। अनिल माधव दवे ने कहा कि हाथी पांच सर्वाधिक बुद्धिमान पशुओं में एक है। उन्होंने इस अवसर पर स्कूली छात्रों को शपथ भी दिलवाई। छात्रों ने संरक्षण के लिए हाथ मिलाया एवं एक संरक्षण मार्च भी निकाला। स्कूली छात्रों ने एक नारा लिखने की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तथा एक पहेली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।