स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 26 August 2016 03:51:52 AM
नई दिल्ली। भारत के समृद्ध उड्डयन इतिहास पर मुख्य रूप से केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली के पास शीघ्र ही नया विशाल एयरोस्पेस संग्रहालय बनने जा रहा है। नए एयरोस्पेससंग्रहालय में न केवल भारतीय वायुसेना की गौरवशाली परंपरा संरक्षित की जाएगी, बल्कि देश की समृद्ध एयरोस्पेस विरासत के बारे में भी लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। भारतीय वायुसेना का मानना हैकि देश की राजधानी में यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए लोकप्रिय आकर्षण का केंद्र और एक ऐतिहासिक स्थल होगा।
एयरोस्पेस संग्रहालय का करीब 43 एकड़ क्षेत्रफल है, जिसके भीतर और बाहर व्यापक प्रदर्शन होंगे। इनमें खड़े हुए विशाल विमान और सुनहरे युग को दर्शाते हुए भित्ती चित्र शामिल हैं। संग्रहालय में एक हिस्सा बच्चोंके लिए होगा, जहां बच्चे प्रदर्शित विमान के कॉकपिट में जाकर उड़ान के नियंत्रण कक्ष का अनुभव ले सकते हैं। एक वीडियो आर्केड भी बनाया जाएगा। योजना के अनुसार आंतरिक प्रदर्शन में इतिहास का एक सेक्शन होगा, जहां पर भारतीय वायुसेना के सभी स्क्वाड्रन के इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के किए गए प्रमुख मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों को भी दर्शाया जाएगा।
वायुसेना एयरोस्पेस संग्रहालय के प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है और अंतिम वित्तीय अनुमोदन के लिए विस्तृत परियोजना का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद तीन से पांच वर्ष के भीतर नया संग्रहालय पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा। भारतीय वायुसेना का एक संग्रहालय वर्तमान में वायुसेना स्टेशन पालम के टेक्नीकल क्षेत्र के नजदीक है, जिसे 1967 मे बनाया गया था। इस संग्रहालयमें रोजाना औसतन 500 पर्यटक आते हैं। यहां पर 1932 में भारतीय वायुसेना के गठन से लेकर आज तक की वायुसेना का समृद्ध इतिहास और महत्वपूर्ण युद्धों को प्रदर्शित किया गया है। इस संग्रहालय में विभिन्न विमान और उपकरण भी रखे गए हैं।