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Sunday 28 August 2016 06:27:47 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय विधि और न्याय, इलेक्ट्रोनिक्स सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत सरकार की ‘स्टॉर्ट-अप इंडिया’ के साथ ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और डिजाइन जैसी पहलों ने भारत के इलेक्ट्रोनिक प्रणाली के डिजाइन और उत्पाद विकास क्षेत्र में नई आशाओं का संचार कर दिया है। इस अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस में इलेक्ट्रोप्रिंयोर पार्क की स्थापना की गई है, जिसके अंतर्गत पांच वर्ष की अवधि में 50 प्रारंभिक चरण के स्टॉर्ट-अप और कम से कम पांच अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का निर्माण किया जाएगा। इस पहल को इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सॉफ्टवेयर टेक्नॉलोजी पार्क ऑफ इंडिया के द्वारा प्रबंधित और इंडिया इलेक्ट्रोनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन ने कार्यांवित किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि औद्योगिक क्रांति के समय को खोने के बाद भारत एक बार पुनः इस अवसर को नहीं गवा सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जारी डिजिटल क्रांति में भारत को आगे ले जाना होगा, इस क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था को जीवंत अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार इसके लिए पहले से ही बीजयुक्त भूमि तैयार कर चुकी है और इन सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली पहलों में समाज के सभी वर्गों की समान भागेदारी के उद्देश्य से इंडिया, स्किल इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों का शुभारंभ कर चुकी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत से न सिर्फ एक कुशल समाज का निर्माण होगा, बल्कि भारत में निवेश के लिए उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निवेशकों के साथ शिक्षक संस्थानों के जुड़ने से बदलते हुए भारत की प्रक्रिया में शीघ्रता लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की पहलों को प्रोत्साहन देने के लिए पहले से ही कोष का गठन कर चुकी है और भारत को एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए इस दिशा में मजबूत प्रयास जारी रहेगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इलेक्ट्रोप्रिंयोर पार्क का उद्घाटन किया, इस अभिप्रेरक केंद्र में पहले से ही 6 प्रारंभिक स्तर के स्टॉर्ट-अप को प्रोत्साहन दिया जा चुका है, जबकि कुछ और के लिए प्रक्रिया जारी है।