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Tuesday 30 August 2016 07:04:15 AM
नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स और राष्ट्रीय आपात कार्रवाई प्रणाली नाम की दो परियोजनाओं की समीक्षा की। सीसीटीएनएस 2000 करोड़ रुपए की लागत से शतप्रतिशत केंद्र सरकार की वित्तपोषित परियोजना है, इसका उद्देश्य अपराध और आपराधिक रिकॉर्डों की एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय डेटाबेस आधारित सर्च प्रणाली कायम करना है। इसमें आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी स्तम्भों जैसे पुलिस, अदालतों, कारागारों, फिंगरप्रिंट्स, फारेंसिक्स एवं प्रोसिक्यूशन को एकीकृत करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि विवेकपूर्ण निर्णय किए जा सकें।
गृहमंत्री को इस बात से अवगत कराया गया कि सीसीटीएनएस प्रणाली का उपयोग करते हुए उसका 85 प्रतिशत कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है और 93 लाख एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। करीब 32 राज्य और संघशासित प्रदेश नेशनल डेटा सेंटर के साथ आंकड़े साझा कर रहे हैं। गृह मंत्रालय शेष 4 राज्यों और संघशासित प्रदेशों को भी इस प्रणाली से जोड़ने के लिए प्रक्रियागत तेजी लाने के प्रयास कर रहा है। गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि इस परियोजना के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को तेजी से पूरा किया जाए, ताकि इसे जल्द ही लागू किया जा सके। राजनाथ सिंह ने लंबे समय से बकाया नेशनल डेटा सेंटर की स्थापना की मांग पूरी होने पर संतोष व्यक्त किया।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनईआरएस परियोजना की स्थिति की भी समीक्षा की, जिसका लक्ष्य अखिल भारतीय स्तर पर एकल आपात नंबर 112 रोलिंग आउट करना है, जिसका इस्तेमाल देशभर में सभी प्रकार की संकटपूर्ण एवं आपात स्थितियों में किया जा सके। गृह मंत्रालय इस काम में राज्य और संघशासित प्रदेशों की सरकारों के प्रयासों में अनुपूरक भूमिका निभा रहा है। प्रथम चरण में सात राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को तथा परवर्ती चरण में समूचे राष्ट्र को इस परियोजना का हिस्सा बनाया जाएगा। दोनों चरण 2017 तक पूरे कर लिए जाने की उम्मीद है।