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रेलों की औसत गति बढ़ाएंगे-प्रभु

भारत में कुल 12 घंटे रेल सफर का सपना

अल्ट्रा हाई स्पीड प्रौद्योगिकी में जुटी रेल

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Saturday 3 September 2016 06:14:15 AM

railways minister suresh prabhakar prabhu

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 2 सितंबर को ‘अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक के लिए प्रौद्योगिकी’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन भारतीय रेलवे के सक्रिय सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर्स और इंडियन रेलवेज़ सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (रोलिंग स्टॉक) हेमंत कुमार और रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजीनियरिंग) एके मित्तल और रेलवे बोर्ड के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी राष्ट्र निर्माण में हमेशा ही अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि रेलवे का आधुनिकरण मुख्य रूप से उन्नत प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है और इस तरह भारतीय रेलवे, जो देश की जीवन रेखा है, देश के लोगों के हित में अल्ट्रा हाई स्पीड प्रौद्योगिकी विकसित करने और अपनाने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि यह रेलवे का सपना है कि भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक की यात्रा में 12 घंटे से ज्यादा समय न लगे, जिसके लिए सभी रेलगाड़ियों की औसत गति को बढ़ाने का इरादा है, ताकि सभी लोग इससे लाभांवित हो सकें। उन्होंने कहा कि‌ जहां तक अल्ट्रा हाई स्पीड प्रौद्योगिकी का मसला है, भारतीय रेलवे इसे ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित एवं क्रियान्वित करना चाहती है, ताकि इसका इस्तेमाल स्वदेश में हो सके और इसके साथ ही रेलवे इसका निर्यात करने में भी समर्थ हो सके। अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक का केंद्र बिंदु यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं सुरक्षा प्रदान करना, तीव्र गति सुनिश्चित करना और क्षमता बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर फोकस करते हुए रेलवे एक ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहती है, जिससे आगे चलकर रेलवे को काफी मदद मिलेगी।
भारत में प्रति घंटे 500 किलोमीटर एवं उससे ज्यादा की अधिकतम गति पर परिचालन के लिए अल्ट्रा हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक हेतु प्रौद्योगिकी पर पहली बार एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर्स और इंडियन रेलवेज सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में और भारतीय रेलवे एवं रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) राइट्स तथा कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन के आयोजन से अत्यंत तेज गति (अल्ट्रा हाई स्पीड) के क्षेत्र में सभी प्रमुख कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। अनेक अग्रणी कंपनियां जैसे कि अमेरिका की हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी, अमेरिका की क्वाडरालेव, स्पेन की टैल्गो, जापान की आरटीआरआई, जर्मनी की सीमेंस, जर्मनी की नॉर ब्रेम्जे और स्विट्जरलैंड की प्रोज इसमें हिस्सा ले रही हैं।
रेलवे, भारतीय उद्योग जगत, राजनयिक समुदाय, अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत, रेलवे की यूनियनों के महासंघ इत्यादि के लगभग 500 प्रतिनिधियों ने इसमें शिरकत की है। भारत में पीपीपी आधार पर एक अल्ट्रा हाई स्पीड रेल प्रणाली के विकास, निर्माण एवं परिचालन के लिए अभिरुचि संबंधी निविदा खोले जाने से ठीक पहले यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। यह उम्मीद की जा रही है कि अभिरुचि की इस अभिव्यक्ति से रेल प्रौद्योगिकी के इस क्षेत्र में उपलब्ध उभरती तकनीकी की पूरी तस्वीर उभर कर सामने आएगी और इससे भारतीय रेलवे किसी परियोजना को मंजूरी देने की तरफ अगला कदम बढ़ाने में समर्थ होगी।

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