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'ओएनजीसी गरीब प्रतिभाओं की मदद करे'

ओएनजीसी की हीरक जयंती वर्ष पर हुअा कार्यक्रम

ओएनजीसी से हुआ दून का विकास-राज्यपाल

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Saturday 3 September 2016 07:25:34 AM

uttarakhand governor dr. krishnakant pal

देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने उत्तराखंड की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ओएनजीसी से आगे आने का आग्रह किया है। ओएनजीसी के केशव देव मालवीय सभागार में देश की सबसे बड़ी कंपनियों में अग्रणी ओएनजीसी की हीरक जयंती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वित्तीय संसाधनों के अभाव में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर पाने में असमर्थ राज्य की युवा प्रतिभाओं को कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी योजना के अंतर्गत ओएनजीसी मदद करे, यह उसका राज्य की प्रगति, विकास तथा राष्ट्रनिर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्यपाल ने संस्थान के कर्मियों तथा स्नातक प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश के महारत्न की उद्गम स्थली देहरादून है, इसलिए ओएनजीसी को इस राज्य के खिलाड़ियों को एडॉप्ट करके उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने व प्रशिक्षण देने का विशेष प्रयास करना चाहिए, ताकि वे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खेल गतिविधियों, प्रतिस्पर्धाओं में बेतहर प्रदर्शन कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि संस्थान को राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के साधनहीन परिवारों की छात्राओं को बेहतर उच्चशिक्षा देने की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर जो ओएनजीसी का मुख्यालय है, के विकास और उत्थान की कल्पना इस संस्थान के बिना नहीं की जा सकती। वर्ष 1956 में इस शहर में अपने स्थापना के समय से ही संस्था और शहर दोनों एक दूसरे का पर्याय बन चुके हैं। संस्था के स्वर्णिम 60 वर्ष पूर्ण होने पर कार्मिकों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि ओएनजीसी के सफल 60 वर्ष विश्वास, साहस तथा प्रतिबद्धता की कहानी है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा स्रोतों की खोज, ऊर्जा स्रोतों के विविधिकरण, भूमिगत कोयला गैसीकरण प्रौद्यौगिकी में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है, इन सबके अलावा ऊर्जा के सभी स्रोतों को खोजने के नए तरीकों और उनका दोहन करके देश में ऊर्जा की मांग की पूर्ति भी कर सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि ओएनजीसी को गहरे समुद्र में तेल अन्वेषण में लगे अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की तकनीक को अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तेल प्रौद्यौगिकी, तकनीक में विश्व का अग्रणी बनने के लिए संस्थान को सुरक्षित व सस्ते विकल्पों पर अधिक से अधिक शोध करने चाहिए, इस क्षेत्र का भविष्य शेल गैस और तरलीकृत प्राकृतिक गैस पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अधिकतम क्षमता और उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए संस्थान को अपने कर्मचारियों के मनोबल को ऊंचा बनाए रखना होगा, तेल रिसाव को नियंत्रित करने, आग और उससे सुरक्षा के उपाय प्राथमिकता पर हों, इस क्षेत्र में तकनीक विकसित करने के लिए अनुसंधान जारी रहने चाहिएं। राज्यपाल ने समुद्र में तेल के रिसाव से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भी अधिक शोध किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुछ स्थितियों में पाइप लाइनों की अपेक्षा गैस टैंकर जहाजों का प्रयोग किया जाना चाहिए, गैस टैंकर, पाइप लाइनों की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक व सुरक्षित होते हैं।
ग्रेजुएट ट्रेनीज़ का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ओएनजीसी संस्थान के सदस्य के रूप में उन्हें चुनौंतियों के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए और समस्याओं के समाधान के लिए भी तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्वेषण एवं उत्पादन के क्षेत्र में चुनौतियों के ‘समाधान प्रदाता’ के रूप में आप जैसे प्रशिक्षित युवकों से देश को बहुत उम्मीदें हैं। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना एवं सोच के अनुरूप देश को ऊर्जा की दृष्टि से सक्षम व सुरक्षित करने के लिए ओएनजीसी अपनी सुदृढ़ स्थिति के बल पर अक्षय ऊर्जा के व्यापक दोहन के लाभ के अवसर उपलब्ध करा सकता है। राज्यपाल ने तेल भवन स्थित ओएनजीसी म्यूजियम का विजिट भी किया।

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