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'सिविल सेवकों का मुख्य लक्ष्य जन कल्याण'

पदोन्नत सिविल सेवकों के समूह की राष्ट्रपति से भेंट

'सिविल सेवक व्यवहारिक और संवेदनशील बनें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 September 2016 07:30:49 AM

president pranab mukherjee with the officer trainees

नई दिल्ली। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में 118वें अधिष्ठापन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए पदोन्नत राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इस मौके पर राष्ट्रपति ने उनसे कहा कि लोगों का कल्याण सिविल सेवाओं का मुख्य लक्ष्य है, उन्हें हमेशा यह बात अपने दिमाग में रखनी चाहिए कि वे आम लोगों की सेवा के लिए हैं, इसलिए उन्हें भारत के एक अरब से अधिक लोगों की सेवा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक शासन व्यवस्था में लोगों के जनादेश के आधार पर बदलाव हो सकता है पर सिविल सेवाओं की संरचना स्थायी है, यह शासन प्रक्रिया की निरंतरता सुनिश्चित करती है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आधुनिक भारत के निर्माण में प्रशासनिक अधिकारियों की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उनके अनुसरण करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों का व्यवहारिक और संवेदनशील होना जरूरी है और यह ऐसा गुण है, जो जनसमस्याओं के समाधान में उनकी सहायता करता है। उन्होंने कहा कि अधिष्ठापन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को नागरिक प्रशासन, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, ई-शासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी में इनपुट प्रदान करना है। अधिष्ठापन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समग्र लक्ष्य अधिकारियों को अखिल भारतीय दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिनका उनके संबंधित राज्यों में व्यापक अनुभव है।

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