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दिव्‍यांग छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ेगी-जावड़ेकर

रामभद्राचार्य विश्‍वविद्यालय के आदर्श अनुकरणीय

चित्रकूट में विश्‍वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 September 2016 07:04:00 AM

prakash javadekar, jagatguru rambhadracharya handicapped university

लखनऊ। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने चित्रकूट में जगतगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्‍वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में छात्रों को सम्‍मानित किया। उन्‍होंने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन सुगम्‍य भारत अभियान के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि जानकारी तक मुक्‍त पहुंच की अनुमति देने के लिए सरकार ने दिव्‍यांग छात्रों के लिए पुस्‍तकों को कॉपीराइट अधिनियम के दायरे से बाहर रखा है। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि मानव संसाधन मंत्रालय दिव्‍यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने पर काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति पाठ्यक्रम की समीक्षा करेगी, जो दिव्‍यांग छात्रों की शिक्षा का एक महत्‍वपूर्ण घटक है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वर्तमान में 128 ईओसी विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वंचित सामाजिक समूहों की बाधाओं और जरूरतों के प्रति कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों को अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए यूजीसी ने समान अवसर प्रकोष्‍ठ स्‍थापित करने के लिए संस्‍थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, ताकि वंचित समूहों के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की निगरानी की जा सके और उन्‍हें शैक्षिक, वित्तीय, सामाजिक और अन्‍य मामलों में मार्गदर्शन तथा अन्‍य जानकारी उपलब्‍ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि समान अवसर प्रकोष्‍ठों के कार्यालय स्‍थापित करने के लिए 2 लाख रुपये का एक मुश्‍त अनुदान उपलब्‍ध कराया जाएगा।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने रामभद्राचार्य के दिव्‍यांग बच्‍चों के लिए शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सेवाओं को मान्‍यता देने के लिए भारत सरकार ने उन्‍हें पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया था। उन्‍होंने कहा कि उनका मंत्रालय जगतगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्‍वविद्यालय को केंद्रीय विश्‍वविद्यालय बनाने के किसी भी प्रस्‍ताव पर विचार करेगा, ताकि दिव्‍यांग छात्रों की शिक्षा में और सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस विश्‍वविद्यालय ने अनुकरणीय आदर्श स्‍थापित किए हैं, जहां लगभग पांच हजार दिव्‍यांग छात्रों को शिक्षित किया गया है, सफलतापूर्वक नियोजित करके सशक्‍त बनाया गया है। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों के प्रति भी अपना आभार व्‍यक्‍त किया, जिन्‍होंने दिव्‍यांग बच्‍चों को पढ़ाने की जिम्‍मेदारी का अच्‍छी तरह निर्वहन किया है।

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