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Thursday 8 September 2016 07:17:42 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गणेश उत्सव मंडल चौक के सर्राफा बाजार में आयोजित गणपति उत्सव में जाकर आरती-पूजा की और देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि गणपति को बुद्धि, सुख देने वाला, दुःख को समाप्त करने वाला देवता माना जाता है, बच्चों की पढ़ाई गणेशाय नमः लिखाकर शुरू होती है। उन्होंने कहा कि गणपति की विशेषता है कि उन्हें देवों का देव माना जाता है तथा भारतीय संस्कृति में उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार अच्छी बारिश हुई है, जो अच्छी फसल की सूचक है, किसान के आनंद से बाजार में रौनक आती है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि गणपति उत्सव की शुरूआत महाराष्ट्र में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने जनता में जागृति पैदा करने के लिए की थी, लेकिन अंग्रेजों ने बाल गंगाधर तिलक को असंतोष का जनक कहकर जेल में डाल दिया था। बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, मैं उसे लेकर रहूंगा। बाल गंगाधर तिलक ने रंगून के कारावास में गीता रहस्य लिखा, जो आम आदमी भी समझ सके। उन्होंने कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा का भी शुभारंभ किया। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि गणेश उत्सव पूरे हिंदुस्तान के साथ-साथ विदेशों में बसे भारतीय भी मनाते हैं। गणेश उत्सव में भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय की कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित थे।