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Friday 9 September 2016 01:32:16 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 8 सितंबर को 50वें अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुए और साक्षर भारत पुरस्कार 2016 प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक साक्षरता का लक्ष्य हासिल करना जनता की भागीदारी के बिना संभव नहीं है, हर कोई किसी एक को शिक्षित करे यानी ‘ईच वन, टीच वन’ के सिद्धांत का अनुसरण करके ही इस दिशा में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में आज भी अशिक्षित लोगों की बड़ी संख्या है, अब समय आ गया है कि हम सुलझाए जाने की आवश्यकता वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गौर करें। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत साक्षरता की स्थिति प्राप्त करने को बल प्रदान करने के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि साक्षरता आंदोलन एक निरंतर चलने वाला चक्र है, क्योंकि इसमें लोगों को न सिर्फ साक्षर बनाने, बल्कि उन्हें साक्षर बनाए रखने के लिए निरंतर कार्यरत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे का कार्यांवयन जारी रखने के अतिरिक्त यूनेस्को आजीवन शिक्षण की आधारशिला के रूप में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ‘साक्षरता के लिए वैश्विक गठबंधन’ भी प्रारंभ कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन वैश्विक कदमों के अनुरूप भारत को अपने प्रयासों को मजबूत बनाने और उनमें तालमेल बैठाने की आवश्यकता है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी लोगों को दूरदराज के क्षेत्रों में साक्षरता के लिए किए गए उनके योगदान पर बधाई दी। केंद्रीय मंत्री ने ‘साक्षर भारत, समर्थ भारत’ के सपने को साकार करने के लिए ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ के आदर्श के साथ कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, चुनावी साक्षरता जैसी महत्वपूर्ण संवेदनशीलताओं पर विचार करना चाहिए, जिनके जरिए हम लोगों को सशक्त बना सकते हैं।
साक्षरता समारोह में यूनेस्को के प्रतिनिधि और निदेशक शिगेरू ओयागी ने भारत, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के लिए यूनेस्को की महानिदेशक इरिना बोकोवा का संदेश सुनाया, जिसमें था कि मानवाधिकार और गरिमा की आधारशिला साक्षरता, गरीबी हटाने, लैंगिक समानता, अधिक समावेशी और स्थिर समाज के लिए महत्वपूर्ण है, इसीलिए हमने साक्षरता के लिए वैश्विक गठबंधन का शुभारंभ किया है, ताकि लैंगिक और नई जानकारियों तथा संचार प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर निवेश और नवाचार की पहलों को बढ़ावा दिया जा सके। गौरतलब है कि साक्षरता भारत पुरस्कार कार्यक्रम सहायक एजेंसियों के बीच बेहतर कार्य करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। साक्षरता पुरस्कार के जरिेए प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य करने वालों और स्वयंसेवकों की उपलब्धियों और उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित किया जाता है।
साक्षरता पुरस्कार में प्रत्येक पुरस्कार के तौर पर एक ट्रॉफी और प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस वर्ष कुल 11 साक्षर भारत पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह में एक डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘साक्षर ग्राम-आदर्श ग्राम’ भी दिखाई गई। इसमें साक्षर भारत जिलों के अंतर्गत सांसद आदर्श ग्राम योजना में कवर किए गए गांव में शत-प्रतिशत साक्षरता हासिल करने से संबंधित गतिविधियां दर्शाई गईं। साक्षरता समारोह में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग में सचिव डॉ सुभाष चंद्र खुंटिया, उच्च शिक्षा सचिव विनयशील ओबरॉय, एनएलएमए के संयुक्त सचिव और महानिदेशक वाईएसके सेशु कुमार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।