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Saturday 10 September 2016 07:13:12 AM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 से अधिक छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की और राजस्थान में उनको छात्रवृत्ति की असुविधाओं पर चर्चा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 3 सितंबर को मीडिया के माध्यम से जयपुर में कुछ संस्थानों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने से संबंधित समस्याओं के बारे में पता चलने के बाद स्वयं पहल करते हुए राजस्थान के शिक्षामंत्री से बात की थी और कुछ छात्रों के फोन नंबर प्राप्त किए थे। उनसे बात करके गृहमंत्री को पता चला कि छात्रों को प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत उनकी छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कुछ कठिनाइयां हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के शिक्षामंत्री से सोमवार तक इस बारे में प्रक्रिया संबंधी कठिनाई को दूर करने को कहा था और समस्या बरकरार रहने की स्थिति में छात्रों को 4-5 सितंबर 2016 के उनके जम्मू-कश्मीर दौरे से लौटने के फौरन बाद उनसे मिलने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया था। राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों में पढ़ने वाले इन छात्रों ने अपने मुद्दे उनके समक्ष रखे। बैठक में दी गई सलाह के अनुरूप छात्रों ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे के साथ विस्तृत चर्चा की थी। उनकी कुछ समस्याओं को तुरंत सुलझा लिया गया और कुछ समस्याओं, जिन्हें अंतर मंत्रालय समिति के समक्ष उठाए जाने की जरूरत है को, समिति के समक्ष उठाया जाएगा और तो और जिन छात्रों के मुद्दों को समिति के समक्ष उठाने की जरूरत है, उनके लिए भी संस्थानों को पत्र जारी कर कहा गया है कि छात्रवृत्ति की रकम के अभाव में उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं आनी चाहिए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और एआईसीटीई के अध्यक्ष से मुलाकात के बाद ये छात्र केंद्र सरकार के दृष्टिकोण से पूरी तरह संतुष्ट थे। उन्होंने गृहमंत्री की पहल और अपनी समस्याओं के प्रति उनकी चिंता तथा समस्याओं को सुलझाने के असाधारण दृष्टिकोण के लिए उनका बेहद आभार व्यक्त किया। इस मामले में यह तथ्य अत्यंत विचारणीय है कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी ले रहे हैं और समय-समय पर छात्रों की समस्याओं का अनुश्रवण कर रहे हैं, वहीं भाजपा शासित राज्य राजस्थान में छात्रों की छात्रवृत्ति जैसे मामलों में सरकार की लापरवाही और कठिनाई के मामले सुनने को मिल रहे हैं। राजस्थान सरकार आखिर कर क्या रही है, यह प्रश्न मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उत्तर मांग रहा है, क्योंकि छात्रों की छात्रवृत्ति के मामले तक वहां उलझे हुए हैं, जिनमें केंद्रीय गृहमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है?