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Wednesday 5 October 2016 04:41:35 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने स्वच्छ भारत लघु फिल्मोत्सव के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि पिछले दो वर्ष से विकासशील भारत का मूड स्वच्छ भारत के पक्ष में रहा है, जहां लोग भारत के स्वच्छता अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, पहली बार विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय नेतृत्व से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को मुख्यधारा में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत को निरक्षरता और खुले में गंदगी फेंकने वाले लोगों से मुक्त कराया जाना था, जिससे कि भारत को एक अनूठे ध्येय के लिए लोगों की भागीदारी का एक मॉडल बनाया जा सके। वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वच्छ फिल्म समारोह का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और सिनेमा के सर्वाधिक संवादात्मक माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान की दिशा में सहभागियों एवं नागरिकों को प्रोत्साहित करना था। युवाओं को उनकी सृजनशीलता एवं प्रतिभा के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य युवा पीढ़ी के हाथों में सुरक्षित है, जिन्होंने स्वच्छ भारत जैसे मुद्दों पर संवाद की आवश्यकताओं को समझा, इसके लिए जनसमूह को प्रेरित किए जाने की खास आवश्यकता थी, ऐसे आंदोलनों और मंचों के जरिए ही स्वच्छ भारत अभियान के लिए जन आंदोलन के लक्ष्य को अर्जित किया जा सकता है।
वेंकैया नायडू ने बताया कि मधुर भंडारकर, राधाकृष्णा जगरलामुड़ी, प्रसून पांडेय, रमेश सिप्पी एवं शूजित सरकार जैसे विख्यात फिल्मकारों ने इस आंदोलन को सहायता एवं रचनात्मक विचार प्रदान करने के साथ ही स्वच्छ भारत पर फिल्मों के निर्माण में सहमति जताई थी। वेंकैया नायडू ने जिक्र किया कि स्वच्छ भारत अभियान का समग्र उद्देश्य गंदगी मुक्त भारत के लिए जन आंदोलन की स्थापना करने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए ‘स्वच्छ ग्राही’ के रूप में कार्य करना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान एक शताब्दी पहले ही गांधीजी ने शुरू किया था, उनके भारत को स्वच्छ रखने के सपने को वर्ष 2019 में उनकी 150वीं जयंती तक पूरा करना है। वेंकैया नायडू ने कहा कि वर्तमान मुहिम का उद्देश्य अन्य लक्ष्यों के अलावा हर परिवार को स्वच्छता उपलब्ध कराना, खुले में शौच के प्रचलन को समाप्त करना, अधिक शौचालयों का निर्माण करना तथा अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार लाना है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने संयुक्तरूप से मंत्रालय के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित एवं विख्यात गांधीवादी सुदर्शन अय्यंगर की लिखी पुस्तक ‘इन द फूटस्टैप्स ऑफ महात्मा: गांधी एंड सेनिटेशन’ का विमोचन किया। पुस्तक में स्वच्छता को लेकर गांधीजी के प्रत्यक्ष दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया है, उसमें सफाई एवं स्वच्छता पर दक्षिण अफ्रीका में उनके अनुभवों का जिक्र किया गया है। वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी पर अन्य पारंपरिक पुस्तकों के ई-संस्करणों एवं इन पुस्तकों के लिए ऑनलाइन खरीद सुविधा का भी अनावरण किया। ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के जरिए ऑनलाइन बिक्री के लिए गांधीजी पर लगभग 25 ई-पुस्तकों को उपलब्ध कराया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव अजय मित्तल ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान आज एक जनआंदोलन बन गया है और इस तरह इसने राष्ट्रपिता के सपनों को साकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिल्म समारोह ने सृजनशील युवाओं के विचारों एवं प्रतिभा को साझा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया है।
लघु फिल्म समारोह तीन मिनट तक की अवधि की फिल्मों को आमंत्रित करने की एक प्रतियोगिता थी। विशिष्ट जूरी प्रख्यात थियेटर एवं फिल्म अभिनेताओं निर्मात्री वाणी त्रिपाठी, पुरस्कार विजेता फिल्मकार गीतांजलि राव और विज्ञापन से जुड़ी विख्यात शख्सियत प्रहलाद कक्कड़ की थी, जिन्होंने 4346 प्रविष्टियों में से 20 लघु फिल्मों का चयन किया। प्रथम पुरस्कार फिल्म मुर्गा के लिए कात्यानन शिवपुरी को दिया गया। द्वितीय पुरस्कार सुधांशु शर्मा, केवीके कुमार एवं अक्षय दानावले को उनकी फिल्मों क्रमश: नन्हा दूत, चेम्बूकू मुदिनदी और सरकारमी रति वाधो को दिए गए। तीसरा पुरस्कार छह प्रविष्टयों को दिया गया। शीर्ष 10 फिल्मों के निर्देशकों को क्रमश: 10 लाख रुपये के नकद पुरस्कार पहली फिल्म, पांच लाख अगली तीन फिल्मों और दो लाख अंतिम छह फिल्मों को प्रदान किए जाएंगे, जबकि अगली 10 फिल्मों को प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। समारोह की मुख्य विशेषता अद्वैत बैंड की प्रस्तुति और कैलाश खेर का स्वच्छ भारत थीम पर गाया गाना रहा।