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Wednesday 19 October 2016 06:29:21 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज बारादरी कैसरबाग लखनऊ में केंद्रीय रेशम बोर्ड वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के सिल्क मार्क एक्सपो-2016 का उद्घाटन किया और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि व्यापार में ब्राडिंग का बहुत बड़ा महत्व है, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए भारतीय रेशम उत्पाद की ब्राडिंग करें। उन्होंने कहा कि देश में रेशम हजारों साल पुराना उद्योग है, विदेशों में भारतीय रेशम आज भी लोगों की पहली पसंद है। उन्होंने कहा कि असली और नकली सिल्क की पहचान के लिए ब्राडिंग व्यवस्था जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व में ब्राडिंग के माध्यम से अपनी विशेषता को पहचान बनाने की जरूरत है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि बेरोज़गारी समाप्त करने और रोज़गार उपलब्ध कराने में रेशम उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि डिजाइनर अपनी कला में नई सोच डालकर अपने उत्पाद को लोकप्रिय बनाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को जैसे खाने के लिए अन्न चाहिए, रहने के लिए घर चाहिए, ठीक उसी प्रकार उपभोक्ताओं को पहनने के लिए उनकी पसंद के कपड़े भी चाहिएं, इसलिए लोगों की पसंद का ध्यान रखते हुए उन तक अपनी पहुंच बनाएं। उन्होंने कहा कि कोशिश हो कि रेशम उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए उसकी कीमत हर वर्ग की आय के अनुसार तय होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि रेशम बनाने के लिए यंत्र का उपयोग कम होता है, ज्यादातर हस्तनिर्मित रेशम बनाने वाले लोगों का काम पीढ़ियों दर पीढ़ियों चलता है। राम नाईक ने कहा कि कपड़े की कीमत ब्राडिंग के माध्यम से होती है तो लोगों में विश्वसनीयता बढ़ती है, किसी भी उद्योग में सुधार लाने के लिए दूसरों के सुझाव पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों के सुझाव भविष्य के लिए लाभदायक होते हैं।
भारतीय रेशम एक ऐसा कुटीर उद्योग है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता की रीढ़ माना जाता है। इस उद्योग की उपेक्षा और लागत में मुनाफा डकार जाने वालों के कारण गांववालों ने इससे हाथ खींच लिए। रेशम उद्योग को सरकार से तो प्रोत्साहन मिला है, किंतु इस प्रोत्साहन को परिणाम में बदलने वाली सरकारी इकाईयों ने रेशम उत्पादकों का इस हद तक शोषण किया कि किसानों को रेशम उत्पादन छोड़ना पड़ा है। ऐसी अनेक पैदावार हैं, जो गांवों में ही रोज़गार के बड़े अवसर प्रदान करती हैं, जिन्हें ईमानदारी से प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। राज्य सरकारों को यह भी शर्म नहीं बची है कि उनके देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहित करने की योजनाओं को बनाने और उन्हें लागू करने की अनेक बार अपील की है। कार्यक्रम में मुख्य अधीशाषी अधिकारी केएस गोपाल, केंद्रीय रेशम बोर्ड के उप निदेशक रमेश चंद्रा और गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।