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Thursday 20 October 2016 02:00:29 AM
नई दिल्ली। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने मतदाता शिक्षा पर आयोजित विश्व के ऐसे पहले सम्मेलन का उद्घाटन किया और विश्व की चुनाव प्रबंधन संस्थानों का आह्वान किया है कि वे पारस्परिक सहमति के आधार पर ‘मतदाता शिक्षा पर नई दिल्ली घोषणा’ के माध्यम से कार्य करने के सतत साझेदार बनें। मतदाता शिक्षा पर वैश्विक सम्मेलन का शीर्षक है ‘समावेशी शिक्षित और नीतिपरक भागीदारी’। सम्मेलन का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग ने यूएनडीपी के सहयोग से किया है। यह 21 अक्टूबर 2016 तक होगा। डॉ नसीम जैदी ने कहा कि यह सम्मेलन एक ही छत के नीचे विश्व की 40 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, इससे विश्व मंच पर इस सम्मेलन का महत्व जाहिर होता है।
डॉ नसीम जैदी ने कहा कि लोकतंत्र के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते समय यह तथ्य भुला दिया जाता है कि चुनाव जनता से जुड़े होते हैं, जनता के बारे में होते हैं और जनता के लिए होते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने ‘कोई मतदाता पीछे नहीं रहेगा’ का नारा देते हुए कहा कि इस सम्मेलन के केंद्र में जनता है और सम्मेलन में विस्तृत रूप से यह विचार-विमर्श किया जा रहा है कि मतदाता शिक्षा और चुनाव में मतदाता की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दुनियाभर में प्रचलित श्रेष्ठ व्यवहारों को अपनाया जाए। सम्मेलन के प्रस्तावित प्रारूप प्रस्ताव में कहा गया है कि मतदाता चुनावी संरचना का केंद्र बिंदु है और प्रत्येक मतदाता को चुनाव प्रक्रिया तथा तौर-तरीकों के बारे में जागरूक और शिक्षित होना चाहिए, ताकि मतदाता की शिक्षित और नीतिपरक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने भारत के 2014 के संसदीय चुनाव में मतदाता की सुनियोजित शिक्षा और मतदाता भागीदारी की सफलता का जिक्र किया। भारत निर्वाचन आयोग ने 2009 में भारत में मतदाता शिक्षा में कमी को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम शुरू किया था। एसवीईईपी के परिणामस्वरूप 2014 के आम चुनाव में 66.4 प्रतिशत भागीदारी हासिल की गई और इसमें लैंगिक अंतर 4.4 प्रतिशत (2009) से 1.55 प्रतिशत (2014) की कमी आई। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने विश्व की चुनाव प्रबंधन संस्थाओं से मतदाता शिक्षा पर ग्लोबल नॉलेज नेटवर्क VoICE.NET स्थापित करने का प्रस्ताव किया, यह ज्ञान संसाधनों को साझा करने, विचार-विमर्श करने, विभिन्न देशों की घटनाओं और व्यवहारों के लिए वृह्द नवाचारी मंच होगा। सीईसी ने भारत और विश्व की मतदाता शिक्षा सुविधाओं को दिखाने वाली प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में सूचना सामग्री, मॉडल, मतदान केंद्र, ईवीएम पर लाइव मतदान प्रावधान, फोटो, वीडियो, थ्री डी मॉडल और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित इंटरऐक्टिव गेम दिखाए गए हैं। प्रतिनिधियों के अनुरोध पर ईवीएम तथा वीवीपीएटी को विशेष रूप से दिखाया गया है।
निर्वाचन आयुक्त एके जोति और ओपी रावत ने भी विभिन्न विषयों, चुनौतियों तथा मतदाता शिक्षा भागीदारी को सुदृढ़ बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रस्तुत नवाचारी समाधानों की चर्चा की। ओपी जोति ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवा मतदाता को आकर्षित करने और दिव्यांग मतदाता के लिए अस्पतालों, वृद्ध आश्रमों तथा नेत्रहीन विद्यालयों में विशेष मतदान केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा ने मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के शुरू किए गए नए कार्यों पर प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन में 27 देशों तथा यूएनडीपी और आईएफईएएस, इंटरनेशनल आइडिया, हाइफा विश्वविद्यालय और मलेशियाई राष्ट्रमंडल अध्ययन केंद्र के 200 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।