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Tuesday 25 October 2016 01:18:30 AM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने विश्वविद्यालयों की परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार के लिए राजभवन में कुलपतियों के साथ बैठक में कहा है कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा प्रणाली लागू करें तथा परीक्षा परिणाम समय से निकालें, ताकि उच्चशिक्षा में सकारात्मक परिणाम सामने आ सकें। उन्होंने कहा कि छात्रों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है, परंतु परीक्षा प्रणाली एवं मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार की भी आवश्यकता है। गौरतलब है कि राज्यपाल ने उच्चशिक्षा की वर्तमान स्थिति एवं इसकी गुणवत्ता में अभिवृद्धि के प्रति समय-समय पर निरंतर चिंता एवं अभिमत प्रकट किए हैं। राज्यपाल समीक्षा बैठक में इन विषयों पर काफी गंभीर दिखे। उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार दोहराया कि वे उच्चशिक्षा में व्यापक सुधार चाहते हैं और कुलपति इसमें खास ध्यान दें।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उनका ध्यान उच्चशिक्षा में सुधार के अन्य बिंदुओं के अलावा विशेष रूप से छात्र समुदाय ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ठीक से न होने की ओर आकर्षित कराया है एवं बार-बार पुर्नमूल्यांकन के लिए अनुरोध भी किया जाता है, किंतु वर्तमान व्यवस्था में पुर्नमूल्यांकन का प्राविधान न होने के कारण प्रत्यावेदनों पर समुचित निवारण की कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि हालांकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में चैलेंज मूल्यांकन की व्यवस्था का प्राविधान है, किंतु अन्य विश्वविद्यालयों में भी इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। राज्य विश्वविद्यालयों में छात्रों की अत्यधिक संख्या होने के कारण सफलतापूर्वक नकलविहीन वातावरण में परीक्षाओं का ससमय संपादन कराना एवं उसके बाद इतनी बड़ी संख्या में उत्तर पुस्तिकाओं का ठीक से मूल्यांकन कराकर परीक्षा परिणाम सीमित अवधि में समय से घोषित करना ही एक बड़ी चुनौती होती है।
कुलपति एवं कुलसचिव के प्रथम सम्मेलन में भी इस स्थिति का संज्ञान लेते हुए इस पर विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें विचारोपरांत संपूर्ण परीक्षा प्रणाली की समीक्षा कर मूल्यांकन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण करने के निमित्त सुझाव उपलब्ध कराने हेतु एक समिति का गठन किए जाने का निर्णय लिया गया था। इस प्रयोजन हेतु गठित समिति ने छात्रों की संख्या एवं विद्यमान समस्याओं के दृष्टिगत राज्य के मुख्य दो विश्वविद्यालयों डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपतियों क्रमशः प्रोफेसर मुजम्मिल एवं प्रोफेसर जेवी वैशम्पायन को इस कार्य का दायित्व सौंपा था। प्रदत्त निर्देशों के अनुक्रम में डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति ने परीक्षा पुस्तिकाओं की मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार लाए जाने हेतु अपनी रिपोर्ट 30 जुलाई 2016 को प्रस्तुत कर दी थी। इस रिपोर्ट पर कुलपतियों के विचार एवं संस्तुतियां प्राप्त करने के लिए 24 अक्टूबर को कुलाधिपति की अध्यक्षता में यह बैठक आहूत की गई।
राज्यपाल ने इस बैठक में 27 कुलपतियों से परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली पर विचार मंथन के पश्चात इन बिंदुओं पर सहमति जारी की। परीक्षा प्रक्रिया एवं मूल्यांकन व्यवस्था में नवीन तकनीक का प्रयोग अधिकाधिक किया जाए, मूल्यांकन हेतु वर्तमान दर में वृद्धि एवं समय से भुगतान सुनिश्चित हो, नियमित शिक्षकों की मूल्यांकन कार्य में सहभागिता सुनिश्चित की जाए, विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति वरीयता पर वांछित है, कुलपतियों को अधिक सशक्तिकृत किया जाए, ताकि वह परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से सम्पादित करा सकें, परीक्षा केंद्रों एवं मूल्यांकन केंद्रों पर पारदर्शिता के दृष्टिगत सीसीटीवी स्थापित कराए जाएं, पुर्नमूल्यांकन के संदर्भ में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर एवं डॉ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के समान चैलेंज मूल्यांकन की व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है और वैश्विक निविदा के माध्यम से परीक्षा संबंधित कार्य हेतु कार्यदायी संस्था का निर्धारण करना श्रेयस्कर होगा।
राम नाईक ने कहा कि जिन बिंदुओं पर शासन स्तर से निर्णय लिया जाना होगा, उन पर संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं मंत्रियों से चर्चा कर समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। बैठक में राज्यपाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से प्राप्त पत्र के क्रियांवयन हेतु समस्त कुलपतियों से विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध विद्यालयों में 1 नवंबर से 15 नवंबर 2016 तक स्वच्छ भारत पखवाड़ा मनाए जाने तथा कृत कार्रवाई की रिपोर्ट 30 नवंबर 2016 तक उपलब्ध कराए जाने को भी कहा। कुलपति बैठक में प्रमुख सचिव राज्यपाल जूथिका पाटणकर तथा विशेष कार्याधिकारी चंद्रप्रकाश और अधिकारी भी उपस्थित थे।