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Friday 28 October 2016 11:14:11 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मुख्यमंत्री रहे अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह कवि और बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद से लेकर विभिन्न क्षेत्रों की महान प्रतिभाओं के नाम पर अनेक 'चाटुकारों' 'प्यादों' और 'टपारियों' जैसों को कल उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च ‘यश भारती सम्मान’ खैरात की तरह बांटा। कुछ बड़ी विभूतियों ने तो यह सम्मान बड़े बेमन से प्राप्त किया, क्योंकि समाजवादी सरकार ने उनकी श्रेणी में जो 'स्टार' शामिल किए थे, उनमें से कईयों की इस सम्मान की पात्रता मध्यमदर्जे की भी नहीं मानी जाती है। कुछ हस्तियां तो यह सम्मान लेने पहुंचीं ही नहीं। मुख्यमंत्री के नए कार्यालय लोक भवन में वर्ष 2016-17 के ‘यश भारती सम्मान’ समारोह में ऐसा लग रहा था, जैसे कि कोई लूट की मंडी लगी है लूट सके तो लूट! दो के लिए तो सम्मान मंच पर ही मिनटभर में ही यश भारती तय हो गया। इस प्रकार यश भारती की कोई पात्रता और उसकी गरिमा बची? कुछ ने तो यहां तक कहा कि यह नए अंदाज के चुनाव प्रचार की टीम है। सम्मान समारोह में ही ऐसी अनेक प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।
बहरहाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के सम्मान यश भारती से विभिन्न 73 प्रतिभाओं और विभूतियों को सम्मानित करते हुए कहा कि ये विभूतियां अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम पर पहुंची हैं, उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और अपने हुनर के जरिये देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश का नाम रौशन किया है। उन्होंने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि प्रतिभाओं को सम्मानित करना और उन्हें युवाओं के समक्ष उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना समाज एवं राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिससे प्रदेश के नवयुवकों को प्रेरणा मिल सके। ज्ञातव्य है कि यह पुरस्कार नेताजी ने वर्ष 1994-95 में शुरू किया था, बसपा सरकार ने तो यश भारती सहित कई सम्मान एवं पुरस्कार रोक ही दिए थे, जिन्हें अखिलेश सरकार ने पुनः शुरू किया, जिससे ये सम्मान फिर से शुरू हुए। संस्कृति विभाग की यश भारती सम्मान स्मारिका का भी समारोह में विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाएं अपने हुनर से देश-दुनिया में राज्य का नाम रौशन कर रही हैं, प्रगति के लिए प्रतिभाओं का सम्मान करना जरूरी है।
यश भारती पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने ऐसे सम्मान आयोजन करके पूरे देश में यह संदेश देने का काम किया है कि प्रगति के लिए प्रतिभाओं का सम्मान करना जरूरी है। समाजवादी सरकार में अब-तक तमाम क्षेत्र की 187 विभूतियों को यह सम्मान दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन देश की प्रगति, साहित्य, कला, खेल-कूद आदि क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों, साहित्यकारों, संगीतकारों सहित सभी क्षेत्रों के लोगों को सम्मानित करने का काम किया है, जिससे प्रदेश के नौजवान इन प्रतिभाओं से प्रेरणा ग्रहण कर राष्ट्र एवं समाज के विकास में बेहतर योगदान दे सकें। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी के प्रयास से उत्तर प्रदेश ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि विशिष्ट हस्तियां अपनी साधना लगातार जारी रख सकें, इस इरादे से राज्य सरकार ने इन्हें मासिक पेंशन देने की योजना लागू की है, जिसके तहत यश भारती सम्मान एवं उत्तर प्रदेश के पदम् सम्मान से सम्मानित महानुभाव को प्रतिमाह 50 हजार रुपये पेंशन दी जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य की समाजवादी सरकार ने प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिए भी बहुत से काम किए हैं, जिनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो रेल जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं, यह सभी योजनाएं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा समाजवादी पेंशन योजना जैसी जन कल्याणकारी योजनाएं भी लागू की गयी हैं, जिससे 55 लाख गरीब महिलाओं को 500 रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जा रही है। छात्र-छात्राओं को निःशुल्क लैपटॉप का भी उन्होंने उल्लेख किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया। कार्यक्रम को पंचायतीराज मंत्री रामगोविंद चौधरी, संस्कृति विभाग की स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री अरुण कुमारी कोरी, मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्य के मंत्री राजेंद्र चौधरी, अहमद हसन, गायत्री प्रसाद प्रजापति आदि मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, सचिव संस्कृति डॉ हरिओम, विशेष सचिव मुख्यमंत्री जीएस नवीन कुमार, अधिकारी, सम्मान प्राप्त करने वालों के परिजन उपस्थित थे।
वर्ष 2016-17 में यश भारती सम्मान से सम्मानित होने वाली हस्तियों में बेगम हमीदा हबीबुल्लाह समाजसेवा, स्वरूप कुमारी बक्शी साहित्यकार, डॉ सैय्यद मोहम्मद बशीर बद्र उर्दू शायर, डॉ रामरतन बनर्जी चिकित्सा, माहेश्वर तिवारी साहित्य, संतोष आनंद कवि और गीतकार, राजकृष्ण मिश्र साहित्य, केवल कुमार संगीत निर्देशक, डॉ अनिल कुमार रस्तोगी अभिनय, प्रोफेसर कमर रहमान वैज्ञानिक, अशोक निगम पत्रकारिता, डॉ सबीहा अनवर अध्यापन एवं उर्दू लेखन, नवाब मीर जाफर अब्दुल्लाह हस्तशिल्प कला संस्कृतिकर्मी, नसीरूद्दीन शाह अभिनेता, डॉ सैय्यद मुहम्मद हस्सान यूनानी चिकित्सा एवं अनुसंधान, वेंकट चंगावल्ली समाज सेवा, डॉ रतीशचंद्र अग्रवाल चिकित्सा, प्रोफेसर गौरदास चौधरी चिकित्सा, उस्ताद गुलफाम अहमद रबाब सरोद वादक, प्रोफेसर राकेश कपूर चिकित्सा शिक्षा, पंडित विश्वनाथ शास्त्रीय संगीत, काशीनाथ यादव लोक गीत ‘बिरहा’, अतुल तिवारी नाट्य फिल्म लेखन एवं अभिनय, राममिलन यादव कुश्ती, राजेंद्र सिंह जल संरक्षण, डॉ दीपक कुमार अग्रवाल चिकित्सा, सौरभ शुक्ला अभिनेता, निर्देशक एवं पटकथा लेखन, सर्वेश अस्थाना साहित्यकार, अनुभव सिन्हा फिल्म निर्देशक, मोहम्मद असलम वारसी कव्वाल, फारूक अहमद समाज सेवा, आत्मप्रकाश मिश्र ब्राडकास्टर, डॉ रमाकांत यादव चिकित्सा, डॉ शिवानी मातनहेलिया शास्त्रीय संगीत, ज्ञानेंद्र पाण्डेय क्रिकेट, विजय शेखर शर्मा मोबाइल बैंकिंग, अनुपमा राग पार्श्व गायन एवं संगीत निर्देशन, सुमन यादव जेवलिन थ्रो, प्रवीन कुमार क्रिकेट, मरिंदर कुमार मिश्रा लेखक, पीयूष चावला क्रिकेट, सुमोना चक्रवर्ती अभिनेत्री, भुवनेश्वर कुमार सिंह मावी क्रिकेट, गार्गी यादव कुश्ती, वरुण सिंह भाटी खेल-पैरा एथलेटिक्स, योगेश मिश्र पत्रकार, सोनी चौरसिया कथक नृत्यांगना, आफताब साबरी एवं हाशिम साबरी (साबरी बंधु) कव्वाल, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत सैन्य सेवा, आध्यात्ममूर्ति ओमा उपाध्याय ज्योतिष, दीपराज राणा अभिनेता, अर्जुन वाजपेयी पर्वतारोहण, रवि कपूर फोटोग्राफर, मनोज मुंतशिर फिल्म गीतकार, पद्मा गिडवानी गायिका, कमाल खान गज़ल गायक, नूर अलस्सबा चित्रकला, गुलाम शर्फुद्दीन अंसारी उर्फ गुलामन निर्यातक एवं उद्योगपति, डॉ आलोक पारीक होम्योपैथिक चिकित्सा, उस्ताद नाजिम हुसैन तबला वादक, पंडित हरिप्रसाद मिश्र ज्योतिष विशेषज्ञ व राजपुरोहित, गुलाम मोइनुद्दीन कुरैशी शेफ पाक कला, पंडित रामकुमार मिश्र तबला वादक, प्रोफेसर राममोहन पाठक पत्रकारिता, डॉ शाहदाब रुदौलवी साहित्यकार, डॉ मंसूर हसन चिकित्सा शिक्षा, दीन मोहम्मद दीन साहित्य, शिखा द्विवेदी दूरदर्शन, रचना गोविल खेल, लेज एके सिंह सैन्य सेवा, मुराद खान फिल्म अभिनेता, अर्चना सतीश कम्पीयरिंग, एसडी सिंह खेल क्षेत्र से हैं। इन्हें यश भारती सम्मान के रूप में प्रत्येक को प्रशस्ति-पत्र, शॉल तथा 11 लाख रुपये का चेक दिया गया।