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Friday 4 November 2016 04:01:02 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ललित कला अकादमी अलीगंज में वाराणसी के कलाकार समूह ‘आनंद-वन’ की चित्रकला प्रदर्शनी ‘अंतः दर्शन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न चित्रकला प्रदर्शनियों की सुंदर कृतियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें मूलतः युवा और महिलाएं थीं। राज्यपाल ने कहा कि चित्रकारी मन के भाव को व्यक्त करने का अच्छा माध्यम है। उन्होंने कहा कि ब्रश से रंग के माध्यम से सहकारिता के आधार पर चित्रकला प्रदर्शनी से चित्रकारों को एकसूत्र में बांधा जा सकता है तथा कलाकारों को ज्यादा लाभ भी मिल सकता है। उन्होंने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां रंग और ब्रश का कमाल देखने को मिला।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उनका मानना है कि वह चित्र सबसे अच्छा है, जिसको देखने के बाद भाव की व्याख्या न करनी पडे़, बल्कि चित्र स्वयं समझ में आए। उन्होंने कहा कि चित्रकारी के अनेक आयाम हैं और मार्डन आर्टस को समझने की आवश्यकता पड़ती है, देश इतना विशाल है और यहां इतनी विविधता है कि चित्रकला की थीम की कोई कमी नहीं है, चित्र को देखकर मन को प्रसन्नता मिलती है। उन्होंने कहा कि यही प्रसन्नता चित्रकार के लिए समाधान का विषय होता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने छात्र जीवन में बंदर और टोपी वाले का चित्र बनाने के अनुभव को साझा किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार प्रोफेसर वेदप्रकाश मिश्र, संयोजक प्रोफेसर एस प्रणाम सिंह और बड़ी संख्या में चित्रकला प्रेमीजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि आनंद-वन द्वारा अब तक अनेक प्रदेशों में ग्रुप शो का आयोजन किया जा चुका है। राज्यपाल ने इस अवसर पर अंतः दर्शन पत्रिका का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर वेदप्रकाश मिश्र एवं प्रोफेसर प्रणाम सिंह ने भी अपने विचार रखे।