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Monday 11 February 2013 08:42:23 AM
नई दिल्ली। भारत में 80 लाख व्यक्ति आत्म केंद्रित और अन्य विकास विकारों से ग्रस्त हैं। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस बारे में और अधिक क्रमबद्ध प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। दक्षिण एशियाई ऑटिज्म नेटवर्क सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने ने कहा कि ऑटिज्म और विकास विकारों से ग्रस्त बच्चों की माताएं उनके भविष्य के प्रति बहुत चिंतित रहती हैं, क्योंकि उन्हें ऐसे बच्चों को जीवन पर्यंत सहायता की आवश्यकता पड़ती है।
ढाका में जुलाई, 2011 में आयोजित ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार एवं विकास संबंधी विकलांगताओं पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इस बारे में महत्वपूर्ण आयोजन था, जिसमें इस क्षेत्र और विश्व में ऐसे विकारों से ग्रस्त बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। अपने स्वागत संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण परिवार मंत्रीगुलाम नबी आजाद ने कहा कि ढाका घोषणा में हमने विकास विकारों से ग्रस्त बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नौ प्राथमिकताओं की पुष्टि की थी। हम आज फिर इस मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल को आगे बढ़ाने के लिए मिल रहे हैं, ताकि ऐसे व्यक्तियों को सामाजिक भेदभाव से बचाया जा सके। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि दिल्ली घोषणा में आने वाले विचार विमर्श निष्कर्ष ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकारों से ग्रस्त बच्चों, उनके परिवारों और समुदाय की आवश्यकता की पूर्ति में दीर्घकालीन भूमिका निभाएंगे।