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Sunday 18 December 2016 12:18:55 AM
नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कल भारतीय रेल के लिए नव प्रवर्तन चुनौतियां अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने रेल भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेल के लिए 2016-17 की अपनी बजट घोषणा के अनुरूप देश के सभी नागरिकों और वर्गों से नव प्रवर्तक विचार आमंत्रित किए। सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि बदलाव के लिए विचार एक अनुलाभ है और नव प्रवर्तक विचार किसी के भी दिमाग में आ सकता है, चाहे वह एक हितधारक हो, रेल का उपयोगकर्ता हो या कोई अन्य व्यक्ति विशेष हो। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी बहुत नव प्रवर्तक और प्रौद्योगिकी की जानकार है और आने वाला समय पूरी तरह डिजिटलाइज हो जाएगा, इसलिए अगर सभी नागरिकों से नव प्रवर्तक विचारों को आमंत्रित किया जाता है और उसे रेल के लाभ के लिए कार्यांवित किया जाता है, तो इससे रेल को लाभ हासिल हो सकता है।
रेलमंत्री ने कहा कि हाल ही में आयोजित रेल विकास शिविर के लिए केवल रेल कर्मचारियों से विचार आमंत्रित किए गए थे, लेकिन यह अभियान किसी एक विशेष वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें देश के सभी नागरिक शामिल हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश की जनता इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लेगी। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने कहा कि यह अभियान सभी लोगों के लिए एक प्रकार का विचार मंथन है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक के पास काफी क्षमता है और वह देश के विकास में एक महान भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान एक अनूठे प्रकार का मंच है, जो देश के सभी नागरिकों को भारतीय रेल के कामकाज को बेहतर बनाने में सक्षम बनाएगा, जिसे देश की जीवन रेखा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का रेल के साथ एक व्यक्तिगत अनुभव है, क्योंकि रेल यात्रा सबको आकर्षित करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश का प्रत्येक नागरिक इस अभियान में पूरे जोश और उत्साह से भाग लेगा। कार्यक्रम में रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल, रेलवे बोर्ड के मेम्बर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद, रेलवे बोर्ड के सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 नवंबर 2016 को सूरजकुंड में आयोजित रेल विकास शिविर में नव प्रवर्तन चुनौती अभियान की शुरूआत की थी। यह चुनौती भारत में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों, कंपनियों और संस्थानों के लिए खुली हुई है। इन चुनौतियों की घोषणा रेल मंत्री ने रेल बजट 2016 में ‘कर्मचारियों, स्टार्टअप्स और लघु व्यवसायों को नव प्रवर्तन अनुदानों’ की स्थापना के लिए ’नव रचना’ पहल के अंतर्गत की थी। पांच विशिष्ट चुनौतियों का लक्ष्य सामने रखा गया है, जिनका भारतीय रेल सामना कर रही है, जिनपर ध्यान केंद्रित कर देश में नवाचार को बढ़ावा देना है, ये हैं-नई वस्तुओं की कुशल ढुलाई एवं परिवहन के लिए वैगनों की डिजाइन हेतु अभिनव चुनौती। निचली सतह के प्लेटफार्म से रेलगाड़ियों तक आसान पहुंच के लिए अभिनव चुनौती। भारतीय रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए नवीन विचार-सुझाव हेतु अभिनव चुनौती। भारतीय रेल के डिब्बों की यात्री उठाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए अभिनव चुनौती। भारतीय रेल के स्टेशनों पर नई डिजिटल क्षमताओं के विकास के लिए अभिनव चुनौती।
छह पुरस्कार प्रत्येक अभिनव चुनौती के फाइनल में प्रवेश करने वालों को दिए जाएंगे। पहला पुरस्कार 6 लाख (अधिकतम), दूसरा पुरस्कार 3 लाख रुपए (अधिकतम), तीसरा पुरस्कार 2 लाख (अधिकतम)। तीन सांत्वना पुरस्कार हैं-एक लाख प्रत्येक (अधिकतम)। भागीदारी प्रक्रिया, नियम, शर्तों, पात्रता, दिशा-निर्देश आदि जैसी अभिनव चुनौती के विवरण वेबसाइट https://innovate.mygov.in/ पर उपलब्ध हैं। ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2017 शाम छह बजे तक है।