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Monday 19 December 2016 03:00:59 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के सम्मान में एक प्रीतिभोज का आयोजन किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की उनकी यात्रा भारत-ताजिकिस्तान राजनयिक संबंधों की 25वीं सालगिरह पर है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच जारी मित्रता और उन मूल्यों का प्रमाण है, जो हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद ताजिकिस्तान के उद्भव को मान्यता देने वाले पहले देशों में एक था। उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्ष के दौरान हमारा एक सार्थक सहयोग रहा है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत, ताजिकिस्तान में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में जिसके क्षेत्र में समान हितकारी परिणाम है, राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन की भूमिका को स्वीकार करता है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत उस घनिष्ठ सहयोग की सराहना करता है, जो हमारे बीच संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने तथा शंघाई सहयोग संगठन में अपनी सदस्यता के न्यायोचित दावे में ताजिकिस्तान के समर्थन के लिए कृतज्ञ है। राष्ट्रपति ने कहा कि एक पड़ोसी के रूप में हमारी अपने क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की एक साझा दृष्टि है, हम दोनों अपनी चिंताओं पर कारगर तरीके से ध्यान देने के लिए अपनी प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की इच्छा रखते हैं।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्व और विशेष रूप से हमारे क्षेत्र के सामने आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, भारत और ताजिकिस्तान दोनों ही सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में इस खतरे के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी समाजों के रूप में हमारे नागरिकों की इच्छा शांतिपूर्ण तरीके से रहने की है, हमारे लिए हमारे राष्ट्रों का विकास एवं प्रगति सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, हम अपने मित्र एवं पड़ोसी अफगानिस्तान के समर्थन के प्रति भी वचनबद्ध हैं, जिससे कि वह अफगान केंद्रित एवं अफगान से जुड़ी शांति प्रक्रिया में अपने लोगों के लक्ष्यों एवं आकांक्षाओं को प्राप्त कर सके।