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लेखा प्रणाली में पारदर्शिता हो-वित्तमंत्री

भारतीय रेल ने सबसे पहले लेखा प्रणाली अपनाई

भारतीय रेल में लेखा सुधार पर राष्ट्रीय सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 21 December 2016 05:18:18 AM

conference on sustainable development in indian railways

नई दिल्ली। विज्ञान भवन में 'भारतीय रेल में लेखा सुधार सतत विकास के लिए रणनीतिक मिशन' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन रेल मंत्रालय और भारतीय औद्योगिक परिसंघ ने मिलकर किया। सम्मेलन में वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली और रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु विशिष्ट अतिथि थे। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सम्मेलन में मुख्य वक्तव्य में कहा कि लेखा प्रणाली किसी भी संगठन का स्वास्थ्य ब्यौरा होता है, जिससे संगठन का वित्तीय स्वास्थ्य प्रकट होता है। उन्होंने कहा कि लेखा प्रणाली के तहत सही लागत, सही कीमत और सही परिणाम पर जोर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सही लेखा प्रणाली से संसाधनों का सही आवंटन और उपयोग सुनिश्चित की जा सकती है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रेलवे का संचालन भारत सरकार करती है, लेकिन वह एक प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करती है। उन्होंने कहा कि रेलवे को अन्य यातायात प्रणालियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलती है, जिनमें रोडवेज़ और एयरलाइंस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रेल विभाग को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अपनी प्रणाली को दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेखा प्रणाली इस तरह की होनी चाहिए कि उसमें पारदर्शिता हो और कोई भी चीज छुपी न रहे। इस अवसर पर एक स्मारिका भी जारी की गई। संचार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतीय रेल सरकार के ऐसे कुछ संगठनों में शामिल हो जाएगी, जिसने सबसे पहली बार इस तरह की लेखा प्रणाली को अपनाया हो।
रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने कहा कि किसी भी संगठन के लिए यह जरूरी होता है कि वह लागत की अपेक्षा परिणाम पर अधिक ध्यान दे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लेखा सुधार उल्लेखनीय कदम है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा ने लेखा प्रणाली में सुधार के लिए रेलवे को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की चर्चा से भविष्य की दिशा तय होगी। भारतीय औद्योगिक परिसंघ के उपाध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा कि सरकार की कई अभिनव पहलों से भारतीय रेल के विकास में मदद मिलेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने कहा कि जब अधिक से अधिक निजी निवेश को आकर्षित किया जा रहा हो, तब ऐसी स्थिति में लेखा प्रणाली को मानकों और सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए, इस तरह की प्रणाली से प्रबंधन स्तर पर निर्णय लेने में सुविधा होगी। सम्मेलन में रेल वित्त आयुक्त शहजाद शाह, रेलवे बोर्ड के सदस्य सलाहकार (लेखा सुधार) एवं मिशन निदेशक नरेश सलेचा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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