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इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला

भुगतान एवं प्राप्ति के समाधान के बारे में जागरूकता

आईटी सचिव अरुणा सुंदरराजन ने किया उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 December 2016 03:06:06 AM

it secretary aruna sundararajan

नई दिल्‍ली। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नई दिल्‍ली में लोदी रोड स्कोप कंवेंशनल सेंटर के सभागार में ‘इलेक्‍ट्रॉनिक सरकारी भुगतानों एवं प्राप्तियों’ पर एक राष्‍ट्रीय कार्यशाला आयोजित की। भारत सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अरुणा सुंदरराजन ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का उद्देश्‍य सरकारी भुगतान एवं प्राप्ति पारिस्थितिकी के सभी हितधारकों को विभिन्न समाधानों के बारे में जागरूकता के एक आमस्तर पर लाना है। भुगतानों एवं प्राप्तियों के इलेक्‍ट्रॉनिक मोड को तत्‍काल अपनाने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कदम उठाए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि ईपीआर कार्यशाला एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्‍य भारत सरकार के डिजिधन अभियान को आगे बढ़ाना है।
अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि इन कार्यशालाओं से समस्‍त पारिस्थितिकी को समझने के साथ-साथ अंतिम भुगतानकर्ताओं एवं आदाताओं के नजरिये से सरकारी भुगतानों एवं प्राप्तियों से संबंधित चुनौतियों से निपटने में भी हमें मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भुगतानों एवं प्राप्तियों के इलेक्‍ट्रॉनिक मोड को अपनाने में सरकारी विभागों की मदद करने के उद्देश्‍य से इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक विस्‍तृत रूपरेखा एवं दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राष्‍ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग की डॉ राधा चौहान ने कहा कि यह कार्यशाला पारस्‍परिक दृष्टि से अत्‍यंत संवादात्‍मक थी और इसमें 26 राज्‍यों एवं सरकार के अनेक प्रमुख विभागों की ओर से सक्रिय भागीदारी देखी गई है।
उन्होंने कहा कि इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और डिजिटल भुगतान के लिए 44 लाख नागरिकों एवं 1,30,000 कारोबारियों को पहले ही प्रशिक्षित तथा नामांकित किया जा चुका है। डॉ राधा चौहान ने इसके साथ ही सरकार में निर्बाध इलेक्‍ट्रॉनिक वित्तीय लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों से संबंधित मुद्दों और उपयोगकर्ताओं के अनुभवों तथा इन प्रणालियों के मानकीकरण, इनमें तालमेल बैठाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने का आग्रह किया।

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