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Friday 23 December 2016 03:20:30 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में असाधारण कार्यों के लिए आंगनबाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्रदान किए। मेनका संजय गांधी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और देश के दूरदराज के इलाकों में बच्चों एवं उनकी माताओं की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की। आंगनबाड़ियों के काम करने की स्थितियों में सुधार लाने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को सुपरवाइजरों के पदों पर नियुक्ति करने का अधिकार दे दिया गया है, साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे इन सुरवाइजरों की 50 प्रतिशत भर्ती आंगनबाड़ियों को प्रोन्नति देकर करें। ये पुरस्कार देश की राजधानी दिल्ली में एक समारेह में दिए गए। समारोह में विभिन्न राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 97 आंगनबाड़ियों को ये पुरस्कार दिए गए। समारोह में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिनिधि और विभिन्न संस्थानों के प्रमुखों ने भाग लिया।
मेनका संजय गांधी ने राज्य सरकारों से कहा है कि आंगनबाड़ियों को रैलियों और चुनाव कार्यों जैसे कामों में न लगाएं, ताकि वे अपना पूरा ध्यान बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के काम में लगा सकें। मेनका गांधी ने कुछ खास उद्देश्यों को हासिल करने के लिए आंगनबाड़ियों का आह्वान किया, जिनमें बच्चियों को अच्छा पोषक पदार्थ और उनकी शिक्षा के लिए बीबीबीपी के बारे में जागरूकता फैलाना, यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चे और उसके माता-पिता के पास आधार कार्ड हो, गांवों में विशेषतौर पर कैशलेस भुगतान के बारे में लोगों को शिक्षित करना शामिल था। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज ने कहा कि आंगनबाड़ी में बच्चों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ियों को सफाई बनाए रखने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छा भोजन देने, स्वच्छता बनाए रखने से माता और बच्चे स्वस्थ रहेंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव लीना नायर ने कहा कि आंगनबाड़ीकर्मी दुनिया में बाल विकास की सबसे बड़ी योजना आईसीडीएस की रीढ़ हैं और आईसीडीएस की सफलता, मोर्चे पर काम करने वाली आंगनबाड़ियों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है। गौरतलब है कि आंगनबाड़ियों को राष्ट्रीय एवं राज्यस्तर पर पुरस्कार देने की योजना सरकार ने वर्ष 2000-2001 में तैयार की थी, उसीसमय से यह पुरस्कार हर वर्ष दिया जाता है। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए नामों का नामांकरण राज्य और केंद्रशासित प्रदेश, राज्यस्तर पर पुरस्कार पाने वाली आंगनबाड़ियों के बीच से करते हैं। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए नामों की संख्या राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के यहां चल रही आईसीडीएस परियोजनाओं की संख्या पर निर्भर करती है।
आंगनबाड़ियों का राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए चयन राज्यस्तर के पुरस्कार पाने वाली आंगनबाड़ियों और उनके पूरक पोषण, बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल, स्कूल पूर्व शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा (एनएचईडी), सामुदायिक भागीदारी, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य और नवाचारों के क्षेत्र में उनके योगदान के आधार पर किया जाता है। इस पुरस्कार में 25,000 रुपये नकद और एकप्रमाणपत्र दिया जाता है। वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के लिए 118 आंगनबाड़ियों को पिछले साल राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम यह पुरस्कार दिया गया था। इस तरह पिछले पांच साल से सभी विजेता आंगनबाड़ियों को यह पुरस्कार दिए जा रहे हैं।