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Friday 23 December 2016 03:52:42 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कर्मियों का आह्वान किया है कि वे कैशलेस लेनदेन को अपनाएं और अपनी विशाल पहुंच का इस्तेमाल डिजिटल भुगतान के संदेश को देश के कोने-कोने तक फैलाने में करें। वे एनडीआरएफ की एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के कर्मियों को इस दिशा में जरूर अगुवाई करनी चाहिए, क्योंकि हमारा देश विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य भारत को विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं शामिल कराना है, इस समय भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है।
गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शुरू-शुरू में डिजिटल भुगतान में पेरशानी आती है, लेकिन एक बार जब आप इसे अपना लेते हैं तो यह बहुत ही आसान लगने लगता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों को ‘लेस कैश’ अर्थव्यवस्था की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि अगर हमें अपनी अर्थव्यवस्था को 2030 तक 2 ट्रिलीयन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 10 ट्रिलीयन अमेरिकी डॉलर करना है तो देश 95 प्रतिशत नकद कारोबार को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा, इसके साथ यह उल्लेखनीय है 125 करोड़ की आबादी में केवल 1 प्रतिशत लोग ही आयकर का भुगतान करते हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक आरके पंचनंद ने कहा कि कैशलेस लेनदेन न सिर्फ आसान है, बल्कि आने वाले दिनों में यह लाभकारी भी है, क्योंकि सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन देने की घोषणा की है।
नीति आयोग के प्रबंधक मुदित नारायण ने डिजिटल भुगतान पर प्रस्तुति पेश की। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के बहुत सारे मोड उपलब्ध हैं, इनमें जरूरत के अनुसार यूनाइटेड पेमेंट इंटफेस, ईवॉलेट, प्रीपेड कैश, क्रेडिट एंड डेबिट कार्ड, अनस्ट्रक्चर्ड सपलिमेंटरी सर्विस डाटा और आधार भुगतान सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, वे यूएसएसडी से लेनदेन कर सकते हैं, किसी भी व्यक्ति जिसका मोबाइल फोन उसके बैंक खाते से जुड़ा है, वह इसका प्रयोग पैसों के हस्तांतरण के लिए कर सकता है।