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Saturday 31 December 2016 01:53:05 AM
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश से भ्रष्टाचार और कालेधन को ख़त्म करने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि जहां नोटबंदी से देश से कालेधन का सफ़ाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार एक के बाद एक अनेक देशों के साथ ऐसे करार कर रही है, जिससे विदेशों में कालाधन छिपाने पर लगाम कसी जा सकेगी। उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच हुए डीटीएए संशोधन के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली का हार्दिक अभिनंदन किया और कहा कि इस करार के बाद न सिर्फ दोहरे कर से छुटकारा मिलेगा, बल्कि राजस्व के नुकसान के साथ-साथ दो देशों के बीच स्वचालित जानकारी के आदान-प्रदान से कालेधन पर रोक लग सकेगी, इससे राजस्व तो बढ़ेगा ही ईमानदार कारोबारी को दोहरे कर से भी मुक्ति मिलेगी और विदेशी निवेश प्रोत्साहित होगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर वर्ष 2016 कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि 2016 में मॉरीशस, साइप्रस और सिंगापुर के साथ दोहरे कराधान संधि को संशोधित किया गया, ताकि इन देशों में जमा भारतीय खाताधारकों के कालेधन का पता लगाया जा सके और उसे वापस देश में लाया जा सके। अमित शाह ने कहा कि कालेधन की लड़ाई में सबसे प्रमुख रोड़ा था स्विस बैंकों में लोगों का कालाधन जमा करना। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच पहले से चले आ रहे अहम समझौते की वजह से सरकार को ऐसे लोगों के नाम पता करने और उसका खुलासा करने में समस्या आ रही थी, मोदी सरकार ने इसलिए स्विस बैंकों में रखे गए कालेधन के बारे में सूचना साझा करने के मकसद से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच संशोधित दोहरा कर बचाव संधि को अमल में लाने का प्रयास किया और डीटीएए के तहत कई देशों के साथ इस तरह के समझौते किए गए। उन्होंने कहा कि अब ऐसे देश जो आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के सदस्य हैं, साल 2017 से अपने यहां कालाधन जमा करने वालों के नाम की सूची भारत को देने को सहमत हो गए हैं।
अमित शाह ने कहा कि मॉरीशस और साइप्रस के बाद भारत ने सिंगापुर के साथ भी डीटीएए यानी डबल टेक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट्स में संशोधन के लिए 3 प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि 2019 से भारतीयों एवं भारतीय संस्थाओं के निवेश के बारे में स्विट्जरलैंड से भारत को रियल टाइम जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार लगातार कालेधन और कालेधन के कारोबारियों को जड़ से ख़त्म करने के लिए पहले दिन से ही प्रयासरत है, विश्व के अन्य देशों के साथ दोहरे कराधान के समझौते में संशोधन विदेशों में जमा कालेधन को ज़ब्त करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण हैं। अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश से भ्रष्टाचार और कालेधन को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के साथ ही मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का फैसला किया, जिसके बाद 8 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना का शुभारंभ किया गया, ताकि देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को देश के अर्थतंत्र से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त विदेशों में भारतीय कालेधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने कालाधन और इम्पोजिशन ऑफ टैक्सस एक्ट 2015 को संसद में पारित किया और कालाधन कानून के तहत विदेश से होने वाली आय और संपत्ति का मूल्यांकन करने के नियमों को लागू कर दिया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार जून में कालाधन पर लगाम लगाने के लिए आईडीएस इनकम डिक्लेरेशन स्कीम लेकर आई, जिसके तहत 65,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट में भी कालेधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में कई बदलाव किए हैं, साथ ही बेनामी संपत्ति पर नकेल कसने के लिए बेनामी लेनदेन प्रतिबंध संशोधन बिल संसद में पास किया गया है, जो पिछले 1 नवंबर 2016 से लागू भी हो गया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जनता की और जनता के लिए काम करने वाली सरकार है, यह गांव, ग़रीब और किसान की सरकार है। उन्होंने एक बार फिर देश से कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगातार कड़े प्रहार करने के लिए और विदेशों में जमा कालेधन को देश वापस लाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को हार्दिक धन्यवाद दिया।