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Saturday 31 December 2016 04:00:22 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने लखनऊ मेट्रो के लिए 250 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी कर दी है और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने परियोजना के त्वरित क्रियांवयन पर विशेष जोर दिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपए जारी किए। यह केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की एक संयुक्त उद्यम परियोजना है। शहरी विकास मंत्रालय ने इससे पहले इसी वर्ष 300 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस तरह लखनऊ मेट्रो को कुल मिलाकर 550 करोड़ रुपए की सहायता राशि मुहैया करा दी गई है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू के साथ लखनऊ मेट्रो की प्रगति पर चर्चा की और इसके त्वरित क्रियांवयन पर विशेष जोर दिया। लखनऊ मेट्रो 23 किलोमीटर लंबी है, जिस पर 6,928 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है, अभी इसका कुछ ही भाग पूरा हुआ है। लखनऊ मेट्रो के लिए केंद्र सरकार ने अपने हिस्से के 1,003 करोड़ रुपए इक्विटी के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार को मुहैया कराए हैं, जबकि 297 करोड़ रुपए गौण ऋण और 3,500 करोड़ रुपए ऋण सहायता के रूप में हैं।
उत्तर प्रदेश को इक्विटी में अपने हिस्से के रूप में शेष 2,128 करोड़ रुपए के साथ-साथ अन्य साधन भी जुटाने हैं। केंद्र सरकार ने इस वर्ष मार्च महीने में यूरोपीय निवेश बैंक के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, ताकि लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए 3,500 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया जा सके। गौरतलब है कि यह उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की संयुक्त परियोजना है, जिसमें यह भी गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना का श्रेय लूटने में लगी है और वह इसे अपनी उपलब्धि मानती है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब लखनऊ मैट्रो की चर्चा करते हैं तो वे यह बिल्कुल नहीं बोलते कि इसमें भारत सरकार का भी बड़ा योगदान है।