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Tuesday 12 February 2013 08:49:17 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के विकास के नाम पर केंद्र सरकार से जितनी आर्थिक धनराशि मांगी है, केंद्र सरकार ने उससे कहीं ज्यादा दी है। केंद्र सरकार के समय-समय पर दिए गए आर्थिक पैकेज को जरूरत भर का न होने एवं राहुल गांधी के बयान को झूंठा बताने से पहले सपा के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी को तथ्यों की सही जानकारी हासिल करने के बाद ही टिप्पणी करनी चाहिए। सपा प्रवक्ता का बयान पूरी तरह मिथ्या, तथ्यों से परे और झूंठा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने एक बयान में कहा कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार, घोटालों, घपलों के लिए प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार दोषी है, इसके लिए केंद्र सरकार को कतई दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं, मनरेगा, एनआरएचएम, सर्वशिक्षा अभियान, भारत निर्माण योजना, इंदिरा आवास, मिड डे मील, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण, बागवानी मिशन, स्वच्छ पेयजल योजना, जननी सुरक्षा, जेएनएनआरयूएम योजना आदि तमाम योजनाओं के तहत हजारों करोड़ रूपए प्रदेश को उपलब्ध कराए हैं, जिसको राज्य सरकार समय से और सही ढंग से न तो खर्च कर रही है और न ही प्रदेश की जनता को उसका समुचित लाभ दिला रही है। इसका खामियाजा किसी दूसरे को नहीं बल्कि प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी को ही भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विगत दो दशकों से अधिक समय से उप्र में गैर कांग्रेसी सरकारों के चलते ही आज प्रदेश गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और बेरोज़गारी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। प्रदेश में पूर्ववर्ती बसपा सरकार में किए गए घोटाले और भ्रष्टाचार जगजाहिर है। भ्रष्टाचार के आरोपों में तत्कालीन कई मंत्रियों को जेल भी जाना पड़ा है। समाजवादी पार्टी की सरकार भी उसी राह पर चल रही है, जिसका खुलासा स्वयं सपा मुखिया भी समय-समय पर यह कहते हुए कर चुके हैं कि कार्यकर्ता, नेता दलाली के चक्कर में न पड़ें, मंत्रियों पर उनकी कड़ी नज़र है, मैं उनकी क्लास लूंगा। इतना ही नहीं दो दिन पूर्व तो उन्होंने यह भी कहा कि मैं भ्रष्ट मंत्रियों, अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को जानता भी हूं। यही कारण है कि प्रदेश में विकास ठप पड़ा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के बयान का सवाल है, तो वह पूरी तरह प्रदेश सरकार की हर स्तर पर बरती जा रही लापरवाही को उजागर करता है, जिसके बारे में सपा के वरिष्ठ नेता भी समय-समय पर कहते आ रहे हैं। सपा प्रवक्ता को राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रदेश में ठप विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
वीरेंद्र मदान ने कहा कि सपा प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री को ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान देने से पहले अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए, तब आरोप लगाना चाहिए। विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए चुनावी वादों को सपा सरकार कितना पूरा कर पा रही है, उसका अंदाजा इनके नेताओं की सरकार के कामकाज को लेकर की जा रही टिप्पणियों से सहज लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सलाह देती है कि समाजवादी पार्टी आरोप-प्रत्यारोप के बजाय कांग्रेस के शीर्ष नेता की प्रदेश के विकास पर उठाई गई उंगली को सहजता से लेते हुए सुधार लाने का प्रयास करे और भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर आम आदमी को केंद्र की योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करे।