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खाली बर्थ पर बेसिक किराए में 10% छूट

भारतीय रेल का डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा

दोनों रेलवे सुविधाएं एक जनवरी से लागू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 31 December 2016 04:27:03 AM

indian railway

नई दिल्ली। डिजिटल एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की घोषणा के मद्देनज़र रेल मंत्रालय ने विभिन्न प्रोत्साहनों एवं उपायों का अतिरिक्त पैकेज पेश किए हैं, जो कल 1 जनवरी 2017 से प्रभावी हो जाएंगे। इसी प्रकार भारतीय रेल ने सभी प्रकार की गाड़ियों में प्रथम चार्ट तैयार होने के बाद खाली बर्थ या सीटों पर बेसिक किराए में 10% छूट की सुविधा का विस्तार किया है, यह सुविधा भी 1 जनवरी 2017 से ही प्रभावी होगी।
अतिरिक्त पैकेज के अनुसार रेल मंत्रालय ने आरक्षित एवं अनारक्षित दोनों ही टिकटें जारी करने के लिए यात्री टिकट सुविधा केंद्रों यानी वाईटीएसके को पीओएस मशीनें लगाने और सभी बैंकों के डेबिट, क्रेडिट कार्डों के जरिए भुगतान स्वीकार करने का निर्देश देने का फैसला किया है। इन केंद्रों को अन्य मोड जैसे कि यूपीआई, यूएसएसडी, ई-वॉलेट, आधार से संबद्ध भुगतान प्रणाली के जरिए भी भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने अनारक्षित टिकट जारी करने के लिए जन साधारण टिकट बुकिंग सेवा यानी जेटीबी को भी अन्य मोड जैसे कि यूपीआई, यूएसएसडी, ई-वॉलेट, आधार से संबद्ध भुगतान प्रणाली के जरिए भुगतान स्वीकार करने का निर्देश देने का फैसला किया है।
रेल मंत्रालय ने डिजिटल तरीकों जैसे कि डेबिट, क्रेडिट कार्डों के उपयोग के जरिए विश्रामकक्ष की बुकिंग पर 5 फीसदी डिस्काउंट की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है। रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि डिजिटल तरीकों जैसे कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि के जरिए भुगतान करने की स्थिति में उपनगरीय मार्गों के सीजन टिकटों मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक के मूल किराए में 0.5 फीसदी डिस्काउंट दिया जाएगा। इसमें 0.5 फीसदी रियायत देने के बाद जो मूल किराया होगा, उस पर अन्य प्रभार जैसे कि एमयूटीपी सरचार्ज, मेला सरचार्ज, सेवा कर इत्यादि यदि लागू हो तो अलग से लगाए जाएंगे।
राजधानी, दुरंतो, शताब्दी गाड़ियों में प्रथम चार्ट तैयार होने के बाद खाली बर्थों या सीटों पर बेसिक किराए में 10% छूट प्रदान करने की अपनी घोषणा को विस्तार देते हुए भारतीय रेल ने अन्य सभी रेलों के आरक्षित वर्ग में भी इस छूट के विस्तार का फैसला किया है। यह सुविधा प्रायोगिक आधार पर 1 जनवरी 2017 से छह महीने के लिए प्रभावी होगी। विस्तृत प्रावधान के अनुसार प्रथम चार्ट तैयार होने से पहले एक विशेष श्रेणी और रेल के लिए बिक्री किए गए अंतिम टिकट के मूल किराए पर 10% की छूट लागू होगी। आरक्षण शुल्क और सुपरफास्ट प्रभार पूरी तरह से लगाया जाएगा और प्रयोज्य सेवाकर इत्यादि भी लागू होगा। यात्रियों के ना आने के कारण रेल में खाली हुई बर्थों के आवंटन पर भी 10% छूट लागू होगी।

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