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Sunday 1 January 2017 11:52:33 PM
नई दिल्ली। थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने अपने चार दशकों से अधिक समय के शानदार कैरियर के बाद साउथ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में अपनी कमान जनरल विपिन रावत को सौंपी। जनरल विपिन रावत ने 27वें थलसेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला है। जनरल विपिन रावत 1 सितंबर 2016 से भारतीय सेना के उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्त थे। कई उपलब्धियों के बीच जनरल दलबीर सिंह अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण रूप से सक्रिय रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में सुरक्षा अभियानों में उच्चगति में बनाए रखी। जनरल दलबीर सिंह ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित की। थलसेनाध्यक्ष के रूप में अपना पदभार पूर्ण करने से पूर्व उन्हें साउथ ब्लॉक उद्यान में गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
जनरल विपिन रावत को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से दिसम्बर 1978 में ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया था। जनरल रावत को ऊँचे पर्वतीय स्थलों में युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इन्फैंट्री बटालियन और कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और एक इन्फैंट्री डिवीजन, ईस्टर्नथियेटर में एक कॉर्प्स और दक्षिणी कमान का नेतृत्व किया है। लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने सैन्य अभियान महानिदेशालय और सेना मुख्यालय में सैन्य सचिव की शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यभार संभाला है। वह पूर्वी कमान के मुख्यालय में मेजर जनरल स्टाफ भी रहे हैं।
जनरल विपिन रावत ने कांगों में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की भी कमान संभाली है। संयुक्त राष्ट्र में सेवा प्रदान करने के रूप में उन्हें दो बार सेना कमांडर की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया। अकादमिक झुकाव के रूप में उन्होंने 'राष्ट्रीय सुरक्षा' और 'नेतृत्व' पर अनेक लेख लिखे हैं, जिन्हें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित किया गया है। उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। वे प्रबंधन और कम्प्यूटर अध्ययन में डिप्लोमाधारी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर भी शोध पूरा किया है और2011 में उन्हें मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सेपीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया।
दूसरी तरफ एयर चीफ मार्शल वीरेंद्र सिंह धनोआ ने वायुसेना मुख्यालय वायु भवन में आयोजित एक समारोह में वायुसेना प्रमुख का पदभार संभाला। भारतीय वायुसेना को दिए अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल वीरेंद्र सिंह धनोआ ने कहा कि दुनिया की बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक का नेतृत्व संभालने की जिम्मेदारी मिलने पर वह सम्मान और गौरवांवित होने का अनुभव कर रहे हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि निश्चित रूप से उन्हें अपने पूर्ववर्तियों की असाधारण उपलब्धियों और शानदार नेतृत्व से प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपनी पूर्ण बहुआयामी क्षमता के साथ आधुनिकीकरण और एक सामरिक एयरोस्पेस शक्ति के रूप में परिवर्तन के पथ पर अग्रसर है। नए अत्याधुनिक उपकरणों को शामिल करने और हथियारों के उन्नयन से वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी। राफेल विमान, त्वरित हमले में सक्षम हथियारों, एसएजीडब्ल्यू और वायु रक्षा रडार जैसी उन्नत क्षमताएं भविष्य में और उत्कृष्ट होने का भरोसा दिलाती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन में पहली बार तेजस का शामिल होना महान राष्ट्रीय गौरव की बात है। उनके परिवार में पत्नी कमलप्रीत और एक पुत्र जसमन विधि स्नातक हैं।