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Sunday 8 January 2017 03:12:41 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री एवं संसदीयकार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय वक्फ सम्मेलन का उद्घाटन किया और कहा कि केंद्र सरकार, राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम एवं केंद्रीय वक्फ परिषद ने एक साथ मिलकर अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक अधिकारिता के लिए वक्फ संपत्तियों का उपयोग करने के लिए एक अभियान आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय मुस्लिम समुदायों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्य नीतियों पर कार्य कर रहा है, जिनमें वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और विकास शामिल है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कई राज्य मुसलमानों की प्रगति के लिए वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग के लिए आगे आए हैं, ज्यादातर राज्य अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि देशभर में सभी वक्फ बोर्डों और उनके रिकार्डों का कंप्यूटरीकरण किया जाए और अल्पसंख्यक मंत्रालय राज्य वक्फ बोर्डों को सभी संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्डों और उनकी संपत्तियों का कंप्यूटरीकरण वक्फ बोर्डों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को यह सुनिश्चित करने के उनके प्रयासों के लिए सराहना की कि उनके प्रभार के तहत सभी औकाफों का समुचित ढंग से रखरखाव हो, उनपर बेहतर नियंत्रण हो। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसी संपत्तियों से प्राप्त आय का उपयोग उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाए, जिनके लिए ऐसे औकाफों का सृजन किया गया था।
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने वक्फ अधिनियम, पट्टा नियमों, महत्वपूर्ण योजनाओं आदि के कार्यांवयन में उनको पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया, जिससे न केवल सभी रिकार्डों के कंप्यूटरीकरण में मदद मिलेगी, बल्कि इससे वक्फ बोर्डों, मुत्तवलियों की आमदनी में भी इजाफा होगा। बैठकों के दौरान अल्पसंख्यक मंत्रालय, केंद्रीय वक्फ परिषद, नवाडको, हरियाणा, कर्नाटक एवं केरल राज्य वक्फ बोर्डों ने वक्फ मुद्दोंपर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिए और कार्यसूची के सभी विषयों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। अल्पसंख्यक मंत्रालय में सचिव अमैसिंग लुईखम ने कहा कि संशोधित वक्फ अधिनियम 1995 के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 3 जून 2014 को वक्फ संपत्ति पट्टा नियमों को अधिसूचित किया, इन नियमों में कुछ विशिष्ट मामलों में पट्टा दिए जाने पर प्रतिबंध, पट्टा, पंजीकरण, पट्टा संपत्तियों के नवीकरण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं, पट्टादाताओं और पट्टेदारों के अधिकारों एवं दायित्वों आदि के प्रावधान हैं।
अमैसिंग लुईखम ने कहा कि अधिसूचित नियमों के कार्यांवयन में कुछ राज्य वक्फ बोर्डों के सामने आने वाली कठिनाइयों के आधार पर 25 सितंबर 2015 को उनमें कुछ संशोधन किए गए। उन्होंने कहा कि अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों में एक का संबंध राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ नियमों के निर्माण से है, इस बारे में राज्य और केंद्र शासित सरकारों की सहायता करने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आवश्यक मॉडल नियम तैयार किए और उस पर विचार करने के लिए 18 जुलाई 2016 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उसकी प्रतियां उपलब्ध कराईं, तथापि अधिकांश राज्यों ने अभी तक संशोधित नियमों को अधिसूचित नहीं किया है। उन्होंने उम्मीद जताई की इन विचार-विमर्शों से रचनात्मक और सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। इससे पूर्व जन समूह का स्वागत करते हुए मंत्रालय में संयुक्त सचिव जान-ए-आलम ने बैठक की कार्यसूची रेखांकित की।
नवाडको के सीईओ अशोक पाई ने कहा कि विशाल वक्फ संपत्तियों से केवल 163 करोड़ रुपयों की आमदनी से प्रदर्शित होता है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। संशोधित अधिनियम के तहत पट्टा नियमों के कारगर कार्यांवयन पर जोर देते हुए उन्होंने वक्फ संपत्तियों के विकास में सभी संभावित सहायता करने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि अभी तक देशभर में 100 संपत्तियों की पहचान की गई है और 35 संपत्तियों के विकास के लिए आशय प्राप्त हुए हैं। सीडब्ल्यूसी के सचिव जमाल अहमद ने उद्घाटन सत्र के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।