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Tuesday 12 February 2013 09:23:52 AM
नई दिल्ली। भारत में अल्पसंख्यकों को दिया जाने वाला प्राथमिकता क्षेत्र ऋण 15 प्रतिशत के पार चला गया है। अल्पसंख्यकों को दिया जाने वाला प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री की नई 15 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल एक योजना है। अल्पसंख्यकों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में 2007-08 के 10.60 प्रतिशत से बढ़कर 2012-13 (30 दिसंबर, 2012 तक) में 15.01 प्रतिशत हो गया। यह लक्ष्य अल्पसंख्यकों को ऋण के रूप में 1,71,960.71 करोड़ रुपए (सितंबर, 2012 तक) वितरित कर प्राप्त किया गया। स्वरोजगार पहल के निर्माण और उसे बनाए रखने के लिए बैंकिंग ऋण बहुत जरूरी है।
सरकार के लगातार और सतत् प्रयास के जरिए ही इसे प्राप्त किया जा सका। अल्पसंख्यकों के लिए ऋण प्रवाह में तेजी लाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो इस प्रकार हैं-भारतीय रिज़र्व बैंक अल्पसंख्यक समुदायों को मिलने वाली ऋण सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से प्राथमिकता क्षेत्र ऋण पर समय-समय पर दिशा निर्देश जारी करता है। वर्ष 2007-2008 से वर्ष 2011-12 के अवधि के दौरान अल्पसंख्यक बहुल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में कुल 5,954 बैंक शाखाएं खोली गई हैं। सार्वजनिक क्षेत्र बैंक नियमित तौर पर अल्पसंख्यकों के ऋण से संबंधित आवेदनों के निष्पादन की निगरानी करते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों ने अल्पसंख्यक बहुल जनसंख्या वाले 15,466 शहरों, खंडों में 14,244 जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इनका आयोजन वर्ष 2008-09 से 2011-12 तक 38,295 बैंकिंग शाखाओं ने किया।
कुल रूप से अल्पसंख्यकों का पीएसएल वर्ष 2007-08 के 58,662.67 करोड़ रुपए से बढ़कर सितंबर, 2012 में 1,71,960.71 करोड़ रुपया हो गया। इस प्रकार इस अवधि के दौरान इसमें लगभग तीन गुनी वृद्धि दर्ज की गई।