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भारत-केन्या संबंधों का विस्तार हो-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति भवन में केन्या के राष्ट्रपति का सम्मान भोज

'भारत और केन्या के बीच है एक खास रिश्ता'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 12 January 2017 11:52:51 PM

president pranab mukherjee and president uhuru kenyatta

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याता के सम्मान में भोज का आयोजन किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केन्या के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि केन्या के साथ भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं, भारत और केन्या ने उपनिवेशवाद के खिलाफ भाइयों के रूप में एक साथ लड़ाईयां लड़ी थीं, दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति आम धारणा से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का राष्ट्रपति उहुरू केन्याता के पिता और केन्या के राष्ट्रपति रहे जोमो केन्याता के साथ एक खास रिश्ता था, जिन्होंने केन्या राष्ट्र की नींव डाली थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की नई शुरुआत के बाद भारत और केन्या ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच इतने उच्चस्तर पर आदान-प्रदान हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि केन्या के राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और ज्यादा विस्तृत एवं गहरा होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-केन्या के बीच व्यापार का स्तर फिलहाल अपेक्षित संभावनाओं से कम है और दोनों देशों के बीच आपसी आर्थिक संपर्कों में और ज्यादा वृद्धि करने तथा विविधता लाने की जरूरत है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत दोनों ही देशों के उद्योग जगत एवं कारोबारियों द्वारा स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, समुद्री संसाधनों से जुड़ी अर्थव्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र में आपसी सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए किए जा रहे प्रयासों का स्वागत करता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की भावनाओं से सहमति जताते हुए केन्या के राष्ट्रपति ने केन्या में रह रहे भारतीय समुदाय की भूमिका की सराहना की, जिसे उन्होंने केन्याई समाज का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नेहरू के द्वारा प्रोत्साहित किया गया भारतीय समुदाय केन्या के स्वतंत्रता संग्राम का एक अभिन्न हिस्सा था। उन्होंने उच्चतम स्तर पर आपसी संपर्कों को और ज्यादा बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि दोनों देशों की जनता और कारोबारी आपसी रिश्तों को नए मुकाम पर ले जाने के लिए प्रेरित हो सकें।

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