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'शव के लिए इंडिगो की निःशुल्क सेवा'

पूर्वोत्तर राज्यमंत्री ने की थी एयरलाइनों से अपील

पूर्वोत्तर के विभिन्न स्थलों पर मिलेगी यह सेवा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 January 2017 02:08:26 AM

vp of indigo airlines vikram chona handing over the formal letter jitendra singh

नई दिल्ली। पीएमओ, परमाणु उर्जा एवं अंतरिक्ष, कार्मिक, लोक शिकायत पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर के विभिन्न स्थलों पर पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के माध्यम निःशुल्क ले जाने के इंडिगो के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में क्षेत्र में सक्रिय सभी एयरलाइनों से एक अपील की गई थी और उन्हें प्रसन्नता है कि इंडिगो ने इस पर तत्काल अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इंडिगो एयरलाइंस के उपाध्यक्ष विक्रम चोना ने व्यक्तिगतरूप से डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और इस अनुरोध के संदर्भ में इंडिगो के अध्यक्ष आदित्य घोष का उनको संबोधित एक पत्र सौंपा।
इंडिगो अध्यक्ष आदित्य घोष के पत्र में इस पहल को ‘आखिरी आहूति’ के रूप में वर्णित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र के उन सभी हवाई अड्डों पर ‘मृतक’ पार्थिव शरीर को हवाई जहाज के माध्यम से निःशुल्क ले जाने का फैसला किया है, जहां इंडिगो संचालनरत है। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में इंडिगो दिल्ली से गोवाहटी, अगरतला, डिब्रूगढ़, दीमापुर और इंफाल के लिए उड़ाने संचालित कर रही है। विक्रम चोना ने डॉ जितेंद्र सिंह को यह भी जानकारी दी कि जब कभी इंडिगो पूर्वोत्तर के अन्य स्थलों पर अपनी उड़ान संचालित करेगा, ऐसी ही निःशुल्क सुविधा उन हवाई मार्गों पर भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी पहली निःशुल्क सुविधा दिल्ली में रह रहे मणिपुर के निवासी को दी गई थी, जिनका निधन हो गया और उनके पार्थिव शरीर को हवाई जहाज से इंफाल भेजा गया था।
इंडिगो एयरलाइंस के उपाध्यक्ष विक्रम चोना ने इस पहल में दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त और दिल्ली में पूर्वोत्तर के लोगों के नोडल ऑफिसर की ओर से मिले सहयोग की भी जानकारी दी। डॉ जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की ओर से इंडिगो एयरलाइंस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों को अक्सर दुर्भाग्य की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तब जब कभी उनके परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समस्याओं के कारण मृतक के परिजन अक्सर पार्थिव शरीर को पूर्वोत्तर ले जाने में असमर्थ होते हैं, जिससे मजबूरीवश अंतिम संस्कार दिल्ली में ही करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इंडिगो का प्रकट किया गया यह भाव न केवल मानव चिंता का प्रतिबिंब है, बल्कि सरकार और निजी क्षेत्रों के बीच सार्वजनिक निजी साझेदारी की दिशा में विभिन्न स्तरों और विभिन्न स्थितियों में नागरिकों को प्रदान की जा रही सेवाओं का भी विस्तार है।

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