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Tuesday 17 January 2017 02:31:59 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में 'भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं में जीवन और अग्नि सुरक्षा' विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य आग लगने के जोखिम के बारे में 'जीरो टॉलरेंस' सुनिश्चित करना है, हमारा उद्देश्य एकाग्रता के साथ अपने प्रयासों के माध्यम से इस लक्ष्य की प्राप्ति होनी चाहिए। कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली ने किया था, जिसमें प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर स्कूल नई दिल्ली, दिल्ली अग्निशमन सेवा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली तथा सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यशाला में स्वास्थ्य भवनों में जीवन और अग्नि सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में अस्पताल प्रशासकों और इंजीनियरिंग प्रमुखों को जागरूक किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि अस्पतालों में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अग्नि सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पहले यह समझा जाना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं तथा इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका हर स्तर पर पालन हो। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों और इंजीनियरिंग स्टाफ के लोगों को आग और जीवन सुरक्षा की दिशा में उनकी भूमिका से पूरी तरह से अवगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में सबसे पहले हमारी नर्सें और डॉक्टर प्रतिक्रिया देते हैं, यदि मरीज कहीं जाता है तो नर्स और डॉक्टर को मरीज का मार्गदर्शन करना चाहिए।
अग्नि सुरक्षा कार्यशाला में 23 अस्पतालों के प्रमुखों, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले संस्थानों तथा उनके संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के परिसर में एक मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान अपर सचिव एचएफडब्ल्यू डॉ अरुण पांडा, अपर सचिव एचएफडब्ल्यू संजीव कुमार, विशेष डीजीएचएस डॉ बीडी ऐठानी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ एमसी मिश्रा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।