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Thursday 19 January 2017 11:33:29 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन आए प्रांतीय सिविल सेवा 2014 बैच के चयनित 41 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से भेंट की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी की महानिदेशक निवेदिता शुक्ला वर्मा, राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर और अकादमी के अधिकारी उपस्थित थे। राज्यपाल ने परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहा कि वे आम आदमी तक अपनी पहुंच बनाएं, अपना व्यक्तित्व ऐसा बनाएं कि सबको लगे कि आप उनकी बात सुन रहे हैं, कार्यालय से निकलने से पहले अगले दिन क्या करना है इसका नोट तैयार करें, सुशासन के लिए शीघ्रता से काम निस्तारित करने की योजना बनाएं, अपने अनुभव से सीखें तथा उच्चाधिकारियों और अधीनस्थ कर्मचारियों के अनुभव का लाभ उठाएं, उनसे अच्छे संबंध बनाकर रखें और आम जनता से मिलने का समय सुनिश्चित करें। राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी सबकी बात सुनने के बाद निष्पक्षता से अपनी अंतरात्मा की आवाज़ के अनुरूप जिम्मेदारी का निर्वहन करें।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अधिकारियों का दायित्व है कि वे जनप्रतिनिधियों का उचित सम्मान करें, उनके सुझाव को सामने रखते हुए अपने विवेक के अनुसार उचित निर्णय लें, समय पर काम करने की आदत डालें तथा तत्परता और पूरे मनोयोग से काम करेंगे तो स्वयं को भी समाधान मिलेगा, समयबद्ध कार्य-पद्धति को बढ़ावा दें तथा जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाएं। उन्होंने आह्वान किया कि भ्रष्टाचार रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। राम नाईक ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जनता के हित के लिये अभिनव प्रयोग करें तथा आत्मावलोकन करें कि जनता के लिए उनके कार्य से वे स्वयं कितने संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारी को प्रमाणिकता से निपटाएं, दूसरों के अच्छे कार्य की प्रशंसा करके उनका मनोबल बढ़ाएं, किसी अधीनस्थ को सबके सामने नसीहत न करें तथा हर कार्य को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने जीवन से जुड़े प्रशासनिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने महालेखाकार कार्यालय में अपर डिविजन क्लर्क से नौकरी की शुरूआत की, फिर वहां से त्यागपत्र देकर कंपनी में मुख्य लेखाकार का दायित्व निभाया फिर कुछ दिनों बाद नौकरी छोड़कर मुम्बई बोरीवली से तीन बार विधायक रहे, फिर उत्तर मुम्बई लोकसभा से लगातार पांच बार सांसद हुए तथा 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में नियोजन, गृह तथा रेल राज्यमंत्री रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की दोबारा सरकार बनने पर पांच साल तक पेट्रोलियम मंत्री रहे। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव के बारे में भी परिवीक्षाधीन अधिकारियों के साथ विचार साझा किए।